राइट टू हेल्थ बिल: डॉक्टर और सरकार आमने-सामने, बेवजह दुःख झेल रही जनता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिल वापस किसी कीमत पर नहीं होगा,डॉक्टर्स ने सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालों में बंद करने का फैसला किया
डॉक्टरों की हड़ताल का असर एसएमएस अस्पताल पर भी पड़ा है। हड़ताल के कारण मरीज इलाज के लिए आने कम हो गए है। हड़ताल से पहले रोज मरीजों के रजिस्ट्रेशन की संख्या 10 हजार से उपर थी। अब वे घट कर आधे से भी काम रह गए है।
डॉक्टर्स ने सरकारी योजनाओं को निजी अस्पतालों में बंद करने का फैसला किया है। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. विजय कपूर ने बताया कि प्रदेशभर में प्राइवेट हॉस्पिटल ने सरकारी स्कीम्स को बंद करने की लिखित सहमति दे दी है। ऐसे में 1 अप्रैल से राजस्थान के सभी के प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकारी स्कीम्स के मास डीएम्पेनेलमेंट की कार्रवाई को पूरा कर लिया जाएगा।
आंदोलनकारी डॉक्टर्स ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल आज भी जारी है। सरकार के दबाव में कुछ रेजिडेंट भले ही काम पर लौट गए हों। लेकिन JARD ने अपनी हड़ताल को जारी रखा है।
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health Bill) के खिलाफ बुधवार को सभी सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे। लगभग 19 हजार से अधिक सरकारी डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर रहे । इससे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई हालांकि, आपातकालीन सेवा जरूरत के हिसाब से मिली । इसके पहले ही पिछले कई दिनों से निजी डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. अब सरकारी डाक्टर्स की हड़ताल के बाद राज्य में स्थिति गम्भीर हो चुकी है.
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल s.m.s. में जब हमारी टीम ग्राउंड रिपोर्ट के लिए पहुंची तो वास्तविकता में पाया कि आधे से ज्यादा रोज की संख्या में आने वाले पेशेंट हड़ताल की सुनकर ही नहीं पहुंचे. बहुत अधिक व्यस्त रहने वाले इमरजेंसी डिपार्टमेंट में नाम मात्र के मरीज पहुंच रहे थे. हालांकि बहुत अधिक आवश्यकता होने पर ही मरीजों को यहां भर्ती किया जा रहा था बाकी यथासंभव मरीजों को दवा उपचार देकर वापस घर भेजा गया
एसएमएस में हो रहे रजिस्ट्रेशन की संख्या :-
तारीख | मरीजों के रजिस्ट्रेशन |
21 मार्च | 10542 |
22 मार्च | 8033 |
23 मार्च | 4201 |
24 मार्च | 6256 |
25 मार्च | 6453 |
26 मार्च | 2406 |
27 मार्च | 6351 |
गुरुवार दोपहर में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के पदाधिकारियों ने बैठक कर मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। जिसके बाद डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास भी पहुंचा था। जहां डॉक्टर्स की ओर से वीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री तक डॉक्टर्स की मांग पहुंचाई।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को डॉक्टर्स की समस्या सुनने के लिए अधिकृत किया है। ऐसे में अब राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टर्स की समस्याओं की सुनवाई गोविंद सिंह डोटासरा करेंगे। इसके बाद ही सरकार के स्तर पर कुछ फैसला हो सकेगा।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि बिल वापस किसी कीमत पर नहीं होगा। यह डॉक्टर्स को बता दिया गया है। हमने डॉक्टर्स की सभी मांगे मानी हैं। इसके बाद भी अगर कोई बात छूट गई है। तो रूल्स में डाल देंगे। हमें बिल वापसी के अलावा सारी बातें मंजूर हैं। बिल वापस करने की बात करने का डॉक्टर्स का अधिकार नहीं है। क्योंकि यह बिल विधानसभा में सर्वसहमति से ही पास हुआ है। जो गवर्नर के पास जा चुका है, जहां से भी जल्द ही स्वीकृत होने वाला है।
इससे पहले राइट टू हेल्थ बिल पर आंदोलन कर रहे रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने आज से आंदोलन खत्म करके वापस काम पर लौटने का एलान किया है। रेजिडेंट्स के इस आंदोलन से प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक और दूसरे डॉक्टर्स के आंदोलन को बड़ा झटका लगा