चंबल के नहरी पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे ग्रामीण,पानी नही तो वोट नही का नारा
अलावड़ा। कस्बे के समीप ग्राम पंचायत चिड़वाई के ग्रामीण व क्षेत्र के किसानों ने
भारतीय किसान यूनियन चढूनी के साथ चंबल के नहरी पानी की मांग को लेकर मालपुर मोड़ पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। ग्रामीणों का कहना है गांव के पास से गुजरने वाली रूपारेल नदी में सालो से पानी नही आया है. आस पास के क्षेत्र का जलस्तर घटता जा रहा है। स्तिथि ऐसी है की किसानों के चलने वाले बरवाला में ना तो अब पानी रहा है और ना ही सेकड़ों फिट पर भी किसानोंं के नए बोरवेल सफल नही हो पाते।
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रभारी विरेंद्र मोर ने जानकारी देते हुए बताया की 2017 में तैयार हुई ईआरसीपी परियोजना की डीपीआर में अलवर जिले को पानी उद्योगपतियों और डीएमआईसी इंडस्ट्रीज के लिए प्रस्तावित है जो की किसानों के साथ सरकार द्वारा धोखा है। चंबल के नहरी पानी पर पहला हक आसपास क्षेत्र के किसान का है। अलवर सहित 13 जिलों में लगातार ईआरसीपी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का आंदोलन चल रहा है। क्षेत्र में भी लगातार ईआरसीपी जनजागरण अभियान चला रहे है। इसी संबंध में क्षेत्र के किसान व लोगों के
घर-घर, गांव-गांव जाकर जागरूकता करा नहरी पानी की मांग को लेकर धरने पर बैठेंगे और आने वाले समय में नेताओ और राजनीतिक पार्टियों से जवाब मांगा जाएगा की आखिर ईआरसीपी परियोजना जो 2023 में पूरी हो जानी थी लेकिन अब तक शुरू भी नहीं हुई इसलिए सब ग्रामीणों की मांग है की राज्य सरकार हमारे क्षेत्र के छोटे नदी-बांधो को परियोजना से जोड़े और केंद्र सरकार ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे ताकि क्षेत्र के किसानों को लाभ मिले सके और दोनो सरकारें ईआरसीपी परियोजना पर मांगो को पूरा करते हुए काम चालू नही करती तो आने वाले समय में ग्रामीण पानी नही तो वोट नही के नारे के साथ राजनीतिक पार्टियों और नेताओ का बहिष्कार करेंगे।इस दौरान धरने में गांव चिड़वाई, बरवाड़ा, मालपुर, मिलकपुर और जाडोली के पूर्व नशनल युथ वॉलियंटर सतवीर जाडोली,रामचरण ,कृष्ण रसवाड़ा ,नरेश ,राकेश, रतन सिंह,कालीदास आदि व क्षेत्र के किसान मौजूद रहे।