हेरिटेज निगम के पशु प्रबंधन की लापरवाही:शहर के सौंदर्य और राहगीरों को पड रही भारी
पिंकसिटी की सुन्दरता पर आवारा पशुओं का हमला, आए दिन राहगीरों को भी कर रहे चोटिल
जयपुर हेरिटेज नगर निगम के विभिन्न वार्ड क्षेत्रों में आवारा पशुओं का तांडव मचा हुआ है.जिधर देखा जाए लगभग हर गली से लेकर मुख्य सड़क अवैध डेयरी के संचालन के तहत जगह-जगह आवारा पशु बैठे या घूमते नजर आते हैं. आए दिन विभिन्न मीडिया प्रकाशन होने के बावजूद अवैध डेयरिया संचालन करने वालों के हौसले इस कदर मजबूत है कि चौगान स्टेडियम स्थित नगर निगम के ऑफिस से 100 मीटर की दूरी से लेकर संपूर्ण शहर में अवैध डेयरिया संचालित हो रही है.
इसको लेकर जब हमारी टीम ने विभिन्न समय पर विभिन्न स्थानों पर जाकर मौका देखा तो पाया कि शहर के प्रमुख केंद्र जलमहल चौपाटी सहित सड़क के डिवाइडर के बीचो-बीच तक आवारा पशु शहर की सुंदरता को दाग लगाने के साथ-साथ राहगीरों को चोटिल करते हैं.
: इसके लिए जब हमने आमेर रोड के वार्ड 10,11, 20 जिसमें कागदीवाड़ा, शंकर नगर, गुर्जर घाटी, एयरफ़ोर्स स्कूल के आसपास का क्षेत्र दौरा किया तो पाया कि लगभग हर गली और मुख्य सड़क क्षेत्र पर आवारा पशुओं के झुंड सड़क के बीचो-बीच बैठे घूमते दिखाई दिए.
हाल ही में शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर संपूर्ण आमेर रोड पर सड़क डिवाइडर के नवीनीकरण कार्य किया गया है और जगह-जगह नए पेड़ पौधे लगाए गए हैं. उस हरियाली को भी आवारा पशुओं नुकसान पहुंचाते दिखाई दिए, साथ ही पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केंद्र जलमहल चौपाटी जहां हजारों की संख्या में रोजाना पर्यटक पहुंचते हैं, यहां भी हमें जगह जगह आवारा पशुओं के झुंड मिले.
इसपर आमेर रोड निवासी राधेश्याम सेन ने बताया कि “हाल ही में कुछ दिन पहले घर के सामने से गुजर रही महिला को सड़क पर मौजूद गोवंश ने उठाकर इस कदर सड़क पर पटका कि उसके सिर में 8:10 टांके आए. काफी शिकायत करते हैं उसके बावजूद कोई पुख्ता कार्यवाही नहीं होती. गाड़ी आकर वापस चली जाती है.जिम्मेदार इस पर मजबूती से एक्शन लेते हुए लगातार कार्यवाही करें तभी कुछ सही हो सकता है “
नगर निगम में पशु प्रबंधन शाखा के पास इस विषय में आए दिन न जाने कितनी ही शिकायतें पहुंचती है परंतु निचले स्तर पर सांठगांठ का जोड़ इस कदर मजबूत है कि पशुओं को पकड़ने के लिए निकलने वाली गाड़ी की सूचना शिकायतकर्ता स्थान पर पहुंचने से पहले ही डेयरी संचालकों तक पहुंच जाती है और वह आकर पहले ही अपने पशुओं को भगा ले जाते हैं.
पशु प्रबंधन शाखा निगम के ही एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया की “आवारा पशु पकड़ने के काम पर लगे वाहनों पर काम करने वाले स्टाफ तक के घरों और रिश्तेदारों के यहां अवैध डेरिया संचालित हो रही है, जिससे किसी भी तरह की शिकायत आने के बावजूद आगे तक सूचना पहले ही पहुंच जाती है और कार्यवाही को पूर्णत अंजाम दे पाना असंभव हो जाता है.
जयपुर शहर में पशु डेयरी संचालन पर है रोक
सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर नगर निगम क्षेत्र में पशु डेयरी संचालन पर पूरी तरह प्रतिबंद लगा रखा है। इसके कारण जयपुर शहर में जहां भी पशु डेयरी संचालित होती है वहां से पशुओं (गाय-भैंस) को उठाकर उसे नगर निगम की हिंगौनिया गौशाला में भेजा जाता है। इसके अलावा शहर में घूमने वाले आवारा पशुओं काे भी पकड़ने का काम इसी शाखा के जिम्मे है।