
मालवणी में ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के दावे करनेवाले नेता अब उसे और बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. मालवणी के कच्चे रोड से लिंक रोड तक रास्ते में नाले पर एक छोटा सा ब्रिज है जो पैदल यात्रियों और दोपहिया वाहनों के लिए ट्रैफिक से बचने का बड़ा सहारा है. चिंता की बात ये है कि कुछ नेता उसे तुड़वाने की बात कर रहे जो टू-व्हीलर्स और पैदल यात्रियों के लिए और दिक्कत खड़ी करेगा.
मालवणी उत्तर मुंबई के मलाड वैस्ट का काफी महत्वपूर्ण लेकिन बुरी तरह उपेक्षित क्षेत्र है. खासकर मार्वे रोड के गेट नं. 1 से लेकर गेट नं, 8 और उसके आखिर में म्हाडा से आगे बड़ी अंबुजवाड़ी झोंपड़पट्टी तक मालवणी इलाके की सम्स्यायें कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं और अब इन्हें ज्यादा दुष्कर बनाने में स्थानीय नेता आग में घी का काम कर रहे हैं. बीजेपी और दूसरी पार्टियों के नेता कहते हैं कि मालवणी के विकास में सबसे बड़ी रुकावट हैं कांग्रेस के विधायक और पूर्व केबिनेट मंत्री असलम शेख असलम शेख मलाड क्षेत्र से 2009 से, याने पिछले तीन कार्यकालों के 15 सालों से विधायक हैं और अब चौथी बार जीत कर आए हैं. उत्तर मुंबई क्षेत्र से लगातार चार बार भाजपा के सांसद विजयी रहे हैं . इस बार उत्तर मुंबई लोकसभा सीट से बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल जीत के आए हैं. उनसे पहले दो बार बीजेपी के ही नेता गोपाल शेट्टी उत्तर मुंबई से एम.पी और विधायक रह चुके हैं. फिर भी मालवणी क्षेत्र सालों से बेहद सड़ी-गली हालत में है और इसका कोई विकास नहीं हो रहा है. सच बात तो ये है कि यहां सिर्फ विकास हो रहा है एक कांग्रेसी विधायक का और उनके कुछ चमचों का जो बड़े बड़े पोस्ट्स लगा के भाई का बर्थ-डे नाते हैं.
हकीकत तो ये है कि हर साल चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी के नेता का गली-गली. दरवाजे- दरवाजे जा कर प्रचार शुरू होता है और विकास के वादे करके जनता को बेवकूफ बनाया जाता है. दूसरी तरफ बीजेपी के कद्दावर नेता आते हैं और वो भी मालवणी के विकास की बात करते हैं, बाहर निकलने के लिए नये-चौड़े रोड बनाने की बात करते हैं, बैनर लगाते हैं,पैंपलेट बंटवाते हैं लेकिन चुनाव हारने के बाद चुप-चाप बैठ जाते हैं.
किसी नेता के चुनावी वादे पूरे तो नहीं हुए लेकिन अब कुछ नेता मालवणी के कच्चे रोड से लिंक रोड तक के जिस छोटे से ब्रिज को तुड़वाने की कोशिश कर रहे हैं उससे ट्रैफिक की समस्या सुलझने की बजाय और भीषण तोर पर बढ़ेगी. इसका समाधान ये है कि इस कच्चे रोड के ब्रिज को तोड़ने की बजाए, पूरे रास्ते को और चौड़ा किया जाना चाहिए जिससे मालवणी की ट्रैफिक डाइवर्ट हो और मेन रोड पर ट्रैफिक लोड कम हो सके. इस ब्रिज को तुड़वाने की कोशिश कर रहे, मान्यवर नेताओं और कार्यकर्ताओं को चाहिए कि मालवणी के विकास के लिए कुछ करें, न कि इनमें इजाफा करें, वरना यहां के रहिवासी तो यही समझेंगे कि बीजेपी और कांग्रेस में कुछ फ़र्क नहीं है.
गौरतलब है कि बीजेपी नेता कहते हैं कि मलाड से चौथी बार चुन के आये विधायक असलम शेख मालवणी के विकास की राह में रुकावट हैं जो कि बेहद अविश्वसनीय बात है. देश के केन्द्र और महाराष्ट्र राज्य, दोनों जगह सरकार बीजेपी की है, उत्तर मुंबई के सांसद बीजेपी के हैं जो केंद्रीय मंत्री भी हैं तो क्या एक विधायक इतना ताकतवर है कि केन्द्र और राज्य सरकार सब पर भारी है ? वो विकास ही नहीं होने दे रहा ? ये बात ही बहुत हैरान करने वाली है. असल में गरीब इलाके मालवणी को सिर्फ एक वोट बैंक की तरह देखा जाता है जिसकी सुध सिर्फ चुनावी सीजन में ही ली जाती है. नेता किसी भी पार्टी के हों लेकिन इसके विकास की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही. कच्चे रोड के ब्रिज को तोड़ने की वकालात करने वाले नेताओं से अब डर है कि सारे नेता अपने- अपने मकसद के लिए मालवणी की हालत बद से बदतर न कर दें।