15th February 2025

हरियाणा

मेवात में दंगाइयों पर भारी पड़ेंगे 144 घंटे, अब उपद्रवियों का छुपना होगा मुश्किल

ब्यूरो रिपोर्ट

हरियाणा का मेवात, सोमवार को एकाएक दंगों की चपेट में आ गया। दो समुदायों के बीच हुए दंगे में पुलिस सहित कई लोग घायल हुए हैं। कई क्षेत्रों में एक समुदाय विशेष के लोगों में डर देखा गया। इसके चलते कुछ लोगों ने अपना आशियाना छोड़कर दूसरी जगह पर शरण ली है। उपद्रवियों ने साइबर पुलिस थाने में जबरदस्त तोड़फोड़ के बाद वहां पर आग लगाने का प्रयास किया। थाने के भीतर और बाहर खड़े कई वाहन जलते हुए नजर आए

शाम तक उपद्रवी, लोकल पुलिस के कंट्रोल से बाहर हो चुके थे, लिहाजा हरियाणा सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुरक्षा बल भेजने की मांग की। इसके बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियों को मेवात में रवाना कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि मेवात में दंगाइयों पर अगले ‘144’ घंटे भारी पड़ेंगे। कहीं पर भी छिपे उपद्रियों को बाहर निकाला जाएगा। इसके लिए लोकल पुलिस ने केंद्रीय बलों की मदद से एक सर्च आपरेशन शुरु किया है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 2000 जवानों की तैनाती छह अगस्त तक की गई है। इसमें महिला जवान भी शामिल हैं।

हरियाणा सरकार के आग्रह पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मेवात की कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उसके बाद वहां पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की बीस कंपनियों को भेजा गया है। इनमें सीआरपीएफ की चार कंपनियां, जिनमें दो महिला कंपनी भी शामिल हैं, भेजी गई हैं। इसके अलावा रेपिड एक्शन फोर्स की 12 कंपनियां तैनात की गई हैं। बीएसएफ और आईटीबीपी की दो-दो कंपनियां लगाई गई हैं। अभी तक इन कंपनियों को छह अगस्त तक मेवात में तैनात रहने का आदेश मिला है।

मेवात के नूंह में उस वक्त तनाव का माहौल बन गया, जब दो समुदायों के बीच पत्थराव शुरु हुआ। सोमवार सुबह करीब दस बजे हिंदू संगठनों की जलाभिषेक यात्रा, नूंह के नलहड़ शिव मंदिर से दिल्ली-अलवर रोड होते हुए फिरोजपुर झिरका तक पहुंचनी थी। बीच में एकाएक उपद्रवियों ने जलाभिषेक यात्रा पर पथराव कर दिया। वहां भगदड़ मच गई। इसके बाद दोनों समुदायों की ओर से पथराव शुरु हो गया। दर्जनों गाड़ियां तोड़ी गई। इसके बाद भीड़ ने गाड़ियों में आग लगानी शुरु कर दी। प्रशासन ने जलाभिषेक यात्रा की सुरक्षा का पुख्ता दावा किया था। इसके लिए बाकायदा पांच डीएसपी तैनात किए गए थे। उनके साथ डेढ़ दर्जन निरीक्षक और साढ़े सात सौ पुलिसकर्मी मौजूद थे। करीब दो दर्जन पुलिस राइडर भी यात्रा के साथ चल रहे थे। इतना कुछ होने के बाद भी दंगे को नहीं टाला जा सका।

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