14th January 2025

उत्तर प्रदेश

यूपी के बाराबंकी से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां एक नानी अपने 17 साल के नाती की लाश के साथ 10 दिन से रह रही थी

रिपोर्ट : धर्मेंद्र कौशिक

बाराबंकी में 65 साल की बुजुर्ग मिथलेश अपने 17 साल के नाती प्रियांशु के साथ पिछले करीब सात साल से अपने घर में कैद थी। इन 25 साल में उसने करीब 10 अपनों को खो दिया। ये दुखों का पहाड़ पार करते-करते वह विक्षिप्त सी हो गई।

जीवनशैली ऐसी थी कि किसी पर भरोसा ही नहीं था। नाती के शव के साथ करीब 10 दिन गुजारने वाली मिथलेश अभी भी सबसे नाती का हाल पूछ रही है। वह बार- बार कह उठती है कि मेरे नाती के कीड़े पड़ गए…कोई उसकी दवा करा दो।

शहर के मोहारी का पुरवा मोहल्ले में रविवार की शाम मिथलेश नामक वृद्घा अपने घर में करीब 18 साल के नाती दिव्यांशु के शव के साथ पाई गई थी। शव को कीड़े खा रहे थे मगर मिथलेश का नाती से मोह समाप्त ही नहीं हो रहा था। पुलिस व मोहल्लों वालों के अनुसार, शादी के बाद मिथलेश ने अपने पति को खोया तो दूसरा विवाह आरपीएफ कांस्टेबल सत्यनरायण वर्मा से किया।

इनसे बुजुर्ग को दो बेटे-दो बेटी हुई। दोनों बेटों और बेटी का विवाह हुआ। एक बेटी व दामाद तो 15 साल पहले गुजर गए। उन्हीं का पुत्र प्रियांशु तभी से नानी के पास रहने आ गया था। इसके बाद एक के बाद एक मिथलेश के दोनों बेटे संदिग्ध दशा में लापता हो गए। उनका भी करीब 10 साल से अता पता नहीं है।

दो बहुएं व एक पौत्र भी उसे छोड़कर चले गए। पति की पेंशन से बुजुर्ग का काम चल जाता, मगर उसके दुखों पर मरहम लगाने वाला नहीं था। वर्ष 2016 में पति सत्यनरायण का निधन होने के बाद मिथलेश को मानो दुनिया से भरोसा उठ गया
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि 2016 के बाद से नानी व नाती दोनों मानों घर में ही बंद रहते थे। नाती का स्कूल तक उसने छुड़वा दिया गया था। सब कुछ खोकर मिथलेश बस नाती से मतलब रखती थी। उसके खोने के डर से उसे कहीं जाने नहीं देती थी। लोगों का तो यहां तक कहना है कि नाती भी मानसिक रुप से बीमार था। इंस्पेक्टर अभिमन्यु मल्ल कहते हैं कि यह अवसाद की पराकाष्ठा जैसा मामला है।
बेटों की गुमशुदगी तक दर्ज नहीं
बुजुर्ग को उसके परिजनों की निगरानी में घर पर ही रखा गया है। उनके दोनों लापता बेटों का पता नहीं है। कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं मिली है। मामले की जांच की जा रही है।

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