साहिबाबाद। एलपीजी गैस सिलिंडर से भरे ट्रक में आग लगने के बाद जब धमाकों की आवाज आनी शुरू हुई तब लोगों की नींद टूटी। लोग घरों से बाहर निकले तो सिलिंडर फट रहे थे और हवा में उसके टुकड़े उड़ रहे थे। यह देखकर लोगों ने जान बचाने के लिए घटनास्थल से दूर भागने लगे। जिसे जहां रास्ता मिला वहां से वह भागने लगा। कोई दूसरे के घरों की छत पर चढ़कर कूदा तो कोई अपने घर की छत से पड़ोस में। वहीं, कुछ लोग तो ऐसे हुए जो डर की वजह से न निकल पाने पर न उम्मीद हुए उन्हें पुलिस और दमकल ने हौसला बंधाते हुए सुरक्षित दूसरे स्थान पर भेजा। हादसे के पीड़ितों से जब बातचीत हुई तब उन्होंने अपनी आपबीती बताई।
एक पल को खो दी थी बचने की उम्मीद
ट्रक मालिक अनिल कुमार के भाई अशोक कुमार और उनके बेटे अजय से जब बातचीत हुई तब उन्होंने बताया कि उनके परिवार की महिलाएं और बच्चे हादसे के समय सो रहे थे। सिलिंडर फटने के धमाकों से जब आंख खुली तब दहशत सी हो गई। उस समय बस परिवार को कैसे बचाएं इसी जद्दोजहद में लगे थे। जलते हुए सिलिंडर घर के बरामदे में खड़ी कारों पर आकर गिरे, जिससे तीन कारें और एक बाइक जल गई। भागने का कोई रास्ता नहीं था। किसी तरह से उन्होंने महिलाओं और बच्चों को आग से बचाते हुए घर की छत पर पहुंचाया और पीछे के घर में कूदकर जान बचाई। सिलिंडरों के धमाकों से घर का आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
दो मंजिला छत पर चढ़कर कूदे तब बची जान
घटनास्थल के पास फर्नीचर गोदाम संचालित करने वाले वेद प्रकाश गुप्ता और उनके भाई ललितेश गुप्ता ने बताया कि उनका फर्नीचर बनाने का काम है। गोदाम में टीन शेड पड़ी है और उसके नीचे ही फर्नीचर निर्माण का काम होता है। एक हिस्से में मशीनें भी लगी हैं। बताया कि ट्रक में आग लगने के बाद जब एक सिलिंडर मशीनों के ऊपर लगे छप्पर पर जाकर गिरा और एक नीचे। उस समय गोदाम में उनके मुनीम सौदान सिंह और कर्मचारी सद्दाम व जितेंद्र थे। धमाका होते ही सभी की आंख खुल गई। मुनीम सौदान ने सभी से तुरंत भागने को कहा और गोदाम में रखे बल्ली व ऊंचे बांस के सहारे दो मंजिला छत पर चढ़े और पीछे की गली में कूदकर भागकर जान बचाई। वेद प्रकाश गुप्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले ही एक लाख रुपये की चारपाई मंगाकर गोदाम में रखी गई थीं। वहीं करीब 30 लाख रुपये के नुकसान की आशंका जताई है।
सड़क के दूसरी तरफ खड़ी कार और स्कूटी जली
घटनास्थल के दूसरी तरफ टीलामोड़ क्षेत्र निवासी मोहम्मद अखलाक का मोटर गैरेज है। उन्होंने बताया कि रात में उनकी दुकान पर देखरेख के लिए पास का ही रहने वाला हिमांशु सोता है। हादसे के समय उनकी दुकान पर गरिमा गार्डन निवासी राकिब की तीन कार सर्विस के लिए खड़ी हुई थीं। धमाके के साथ एक सिलिंडर उनकी दुकान के बाहर खड़ी कार पर जा गिरा और कार जलकर राख हो गई। वहीं आग और धमाके की आवाज से उठे हिमांशु ने पास में बह रहे नाले के पानी से आग बुझाने की कोशिश की, जिसमें काफी देर बाद सफलता मिली। सिलेंडर के टुकड़े लगातार दुकान की तरफ आ रहे थे। इसकी वजह से डर का माहौल था।
कमरे तक पहुंचा सिलिंडर
घटनास्थल के पास ही रहने वाले स्पेयर पार्ट्स कारोबारी प्रदीप की घर के बाहर ही दुकान है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में माता-पिता, महिलाएं व बच्चे हैं। हादसे के समय परिवार सोया हुआ था। नींद तब खुली जब सिलिंडर उनके घर की ग्रिल व खिड़की तोड़कर आंगन व बेडरूम तक पहुंच गया। सिलिंडर गिरने से तेज आवाज हुई तो सब जग गए, गनीमत रही कि सिलिंडर फटा नहीं। इस दौरान वह लोग किसी तरह बाहर निकाले और सिकंदरपुर की तरफ दौड़ पड़े। सिलिंडर फटकर टकराने की वजह से पानी की टंकी, दुकान के शटर, मकान की ग्रिल, दरवाजे, खिड़की, आंगन में खड़ी कार व अन्य सामान टूट गया।