मुंबई में नहीं थम रहा कांग्रेस में कलह, वर्षा गायकवाड के खिलाफ विरोध का बिगुल
मुंबई रिपोर्ट :सुनील कुमार गुप्ता
मुंबई (सुनील कुमार गुप्ता): मुंबई कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही। विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी में गुटबाजी उभरकर सामने आ गई है। वर्षा गायकवाड की अध्यक्षता के एक साल पूरे होने पर मुंबई कांग्रेस के एक खेमे ने ‘वर्षा गायवाड हटाओ मुहिम’ शुरू करते हुए विरोध का बिगुल बजा दिया है, विरोधी मुंबई कांग्रेस को बचाने के लिए मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से वर्षा को हटाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, वर्षा के समर्थक उनके एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे हैं। वे ऐसी पिक्चर बना रहे हैं, जैसे कि अगर वर्षा अध्यक्ष न होतीं, तो मुंबई कांग्रेस खत्म हो गई होती।
भाई को हटाने के बाद दो खेमों में बंटी थी कांग्रेस
राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बनाए जाने के बाद मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप को हटा दिया गया था। जगताप को पद से हटाया जाना कुछ कांग्रेसियों को अखर गया। खड़गे ने पूर्व मुंबई अध्यक्ष एकनाथ गायकवाड की विधायक बेटी वर्षा गायकवाड को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। तभी कांग्रेस दो खेमे में बंट गई, विरोध के बीज पड़ गए थे। भाई जगताप का विरोध करनेवाले दिल्ली में लॉबिंग कर रहे थे, लेकिन एक साल पूरा होने से पहले ही वर्षा के खिलाफ भी विरोध का बिगुल बजा दिया गया।
विरोध करनेवालों का है यह तर्क
मुंबई कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप और जर्नादन चांदूरकर, राज्यसभा के सदस्य चंद्रकांत हंडोरे, पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीम खान, सुरेश शेट्टी, युसुफ अब्राहिनी, पूर्व विधायक बलदेव खोसा, मधु चव्हाण, अमरजीत मन्हास, रवि राजा, शिवाजी सिंह, जाकिर अहमद, भूषण पाटील, संदेश कोंडविलकर जैसे कांग्रेस के अन्य नेता वर्षा गायकवाड के काम करने के तरीके से नाराज बताए जा रहे हैं। विरोध करने वालों का तर्क है कि चूंकि अब वर्षा सांसद बन गई हैं, इसलिए उन पर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ गया है। वे संगठन पर ध्यान नहीं दे पाएंगी। आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव हैं। उसके बाद बीएमसी के चुनाव हैं। ऐसे में कांग्रेस को पूरा समय देने वाला अध्यक्ष चाहिए
वर्षा के समर्थक दिल्ली पहुंचे
दूसरी ओर, वर्षा के समर्थक भी दिल्ली पहुंच गए हैं। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पिछले एक साल में वर्षा ने सराहनीय काम किया है। बीजेपी के खिलाफ धरना, मोर्चा, प्रदर्शन करने की बात हो, वे आगे रही हैं। मुंबई में कांग्रेस को फिर से जिंदा किया। लोगों को कांग्रेस से जोड़ा। घर बैठे कांग्रेसियों में नया उत्साह भरा। इसका नतीजा लोकसभा चुनाव में दिखाई दिया। कांग्रेस ने दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, एक सीट पर वर्षा ने चुनाव जीता। समर्थकों का यह भी दावा है कि संगठन के लिए वर्षा पूरा समय दे रही हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। वर्षा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री भी कांग्रेस का ही होगा।
खरगे बोले, विधानसभा चुनाव जीतना है
मुंबई कांग्रेस कोषाध्यक्ष संदीप शुक्ला, प्रणील नायर, सुरेश राजहंस, सूर्यकांत मिश्रा, कचरू यादव, महेंद्र मुंगेकर, पूर्व नगरसेवक अशरफ आजमी, मोहसिन हैदर, सुफियान बनू, ब्रायन मिरांडा सहित 40 से ज्यादा वर्षा के समर्थक बुधवार की सुबह दिल्ली पहुंच गए। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। इस डेलिगेशन ने खड़गे को बताया कि वर्षा मुंबई के लिए क्यों जरूरी हैं और उनके हटाए जाने से पार्टी को क्या नुकसान होगा?
बताया जाता है कि सबकी सुनने के बाद खड़गे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत हुई है। जल्द ही विधानसभा के चुनाव हैं। सभी को मिलकर काम करना है ताकि महाराष्ट्र में सत्ता लाई जा सके। इसलिए कांग्रेस में गुटबाजी के लिए कोई स्थान नहीं है। इसे पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी।
एक साल में कई नेताओं ने छोड़ दी पार्टीमुंबई कांग्रेस के पूर्व महासचिव बंधू राय कहते हैं कि अगर वर्षा गायकवाड का कार्यकाल इतना ही सराहनीय था, तो दिग्गजों ने पार्टी क्यों छोड़ी। पिछले एक साल के दौरान मिलिंद देवड़ा, संजय निरुपम, बाबा सिद्दीकी सहित कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी है।