होटल के कमरे में रातभर रहते थे 6 लड़के और 1 लड़की, पुलिस ने मारा छापा, नजारा देख रह गई सन्न
Written by : धर्मेंद्र शर्मा
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक हफ्ते पहले छह लड़के अपने साथ एक लड़की को लेकर पहुंचे. होटल को अपना ठिकाना बनाया. सभी लड़के और लड़की पूरी रात होटल में रहते थे. मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम होटल के दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 204 में पहुंची. होटल का गेट जैसे ही खुला, कमरे का नजारा देखकर पुलिस सन्न रह गई. आइये जानते हैं
ग्वालियर पुलिस में कॉल सेंटर के जरिये विदेशी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. माधवनगर स्थित एक होटल के कमरे में कॉल सेंटर संचालित हो रहा था. पुलिस छापामारी में एक महिला सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी ग्वालियर में बैठकर ब्रिटेन अमेरिका सहित अन्य देशों में रहने वाले नागरिकों को ठगने का काम कर रहे थे. पकड़े गए आरोपी विदेशी नगारिकों को कॉल लगाकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर ठगते थे.
ग्वालियर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि झांसीरोड के माधवनगर में स्थित आशीर्वाद होटल के द्वितीय मंजिल पर एक कमरे में कुछ लोग कॉल सेंटर चला रहे हैं. ये लोग अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य देशों में रहने वाले नागरिकों को कॉल करके माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर कंप्यूटर में वायरस होने का झांसा देकर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये ऐंठ रहे थे. पुलिस टीम होटल पहुंची. होटल का गेट खुलवाया. दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 204 में कुछ लड़के और लड़की लैपटॉप पर काम करते हुए हेडफोन लगाकर अंग्रेजी में रात में बात करते मिले. कमरे में छह लड़के और एक लड़की लेपटॉप के सामने बैठकर कान में हैडफोन लगाकर अंग्रेजी में बात कर रहे थे. सिपाहियों ने कुर्सी पर बैठे ही पकड़ लिया. पकड़े गए आरोपियों में अभय राजावत, नीतेश कुमार, दीपक थापा, परवेज आलम, श्वेता भारती, राज कैलाशकर और सुरेश वासेल शामिल है.
ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया, ‘लैपटाप के मॉनीटर स्क्रीन पर दर्शाए एप्लिकेशन की स्क्रीन पर कॉल ऑप्शन पर डॉयल, मिस्ड एवं रिसीव्ड कॉल नम्बर भारत के न होकर यूएस के, विदेशी इंटरनेशनल नंबर है. कॉल सेंटर मे काम करते पाए गए लड़के और लड़की जिनसे मौके पर प्रारंभिक पूछताछ की गई. खुलासा हुआ कि ये लोग करीब सात दिन पहले ग्वालियर आये थे और तभी से काम कर रहे हैं. ग्वालियर में काम करने के लिए जगह एवं फर्नीचर का सेटअप मुरैना के संजय भदौरिया ने उपलब्ध कराया था. कर्ण ने लेपटॉप, मोबाइल फोन एवं वाईफाई (राउटर) सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराए थे.
पकड़े गए ठग विदेशी लोगों से बात करते समय अपना मूल नाम न बताते हुये विदेश में प्रचलित नाम मिस्टर पॉल, (अभय राजावत), मार्टिन (नीतेश), जॉन (सुरेश), रियान (दीपक), साइबर एक्सपर्ट (राज), डेविल (सुरेश), नैंसी (श्वेता) आदि फर्जी नामों को उपयोग करते हुए बात करते थे. मोंटी और कर्ण के द्वारा सभी को प्रतिमाह 20,000 से 25,000 रुपये सैलरी नगद एवं रहने खाने का खर्चा दिया जाता था. जिसके द्वारा जितनी राशि की ठगी की जाती है उसका 5 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता था. पुलिस टीम ने होटल के कमरे से लैपटॉप-8, माउस, मोबाइल फोन-15, एक फायबर मॉडम-एडॉप्टर, कॉलिंग स्क्रिप्ट, डाटा सीट, हैडफोन, एक्सटेन्सन, लेन केवल, पावर एक्सटेन्सन दो बोर्ड, सात कुर्सियां, पांच टेबल, दो रिस्ट वॉच जब्त किया गया.