3 जनवरी 2021 का दिन शायद ही कोई भूला होगा जिसने शहर ही नही पूरे देश को हिलाकर रख दिया था आज भी क्षेत्रवासी इस दिन को काले दिन के रूप मे याद करते है। मुरादनगर उखरालसी श्मशान घाट हादसे मे भ्रष्टाचार के चलते छत के नीचे दब कर किसी का भाई ,बेटा ,पिता ,पति हमेशा के लिए उनसे बहुत दूर वहां चले गए जहां से कोई लौटकर नहीं आता। उनके लिए हर साल 3 जनवरी रोने का दिन है उनकी बर्बादियों का दिन है। वह कैसे इस मनहूस दिन को भूल सकते हैं। क्योंकि इसी दिन 25 लोगों की जान गईं थीं और उनके परिवार बेसहारा लावारिस की तरह हो गए। हर साल की तरह तीन साल बाद भी सहारे के इंतजार में बिताए जा रहे हैं लेकिन दूर तक निराशा के अलावा कुछ नहीं दिखलाई देता।
यह था पूरा मामला
3 जनवरी, 2021 को गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में स्थित उखलारसी श्मशान घाट में एक फल विक्रेता का अंतिम संस्कार करने गए लोगों के ऊपर नगर पालिका द्वारा बनाए गए श्मशान घाट के बरांडे की छत गिर गई। छत गिरने की आवाज दूर तक सुनाई दी ।आसपास के लोग उस ओर दौड़े वहां पहुंचकर जब देखा कि कुछ लोग छत के नीचे पूरी तरह दब गए कुछ अपने को बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे । स्थानीय लोगों ने तुरंत ही राहत बचाव का कार्य शुरू कर दिया एनडीआरएफ आदि की टीमों के आने से पहले लोगों ने मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालकर अस्पतालों में भेज दिया ।जिनमें से 24 लोगो की उसी दिन मौत हो गई थी वही एक अन्य व्यक्ति की जान कुछ समय बाद इलाज के दौरान चली गई। दर्जनों लोग अंग भंग होकर विकलांग हो गए कुछ का इलाज हो गया कुछ अभी इलाज मिलने के इंतजार में हैं। घटना के समय हल्की बारिश हो रही थी अन्यथा लोग कई गुना ज्यादा हो सकते थे। नगरपालिका के भ्रष्टाचार में जान गंवाने वालों के परिजनों को आनन-फानन में दो लाख रुपए सहायता देने का आश्वासन दिया गया जिससे पीड़ित परिजन ही नहीं पूरे क्षेत्र के लोग भड़क उठे और हाईवे जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे उच्चाधिकारियों ने प्रत्येक परिवार को नगद सहायता राशि के साथ ही मकान तथा नौकरी का आश्वासन दिया था।
पीड़ित परिवार आज भी है परेशान
पीड़ितों से किए गए वादो को पूरा ना करने पर पीड़ित परिवारो ने अपनी मांगों को लेकर मुरादनगर नगर पालिका में धरने प्रदर्शन किए गए। उन्हें गिरफ्तार किया गया मुकदमे दर्ज किए गए लेकिन अधिकारियों के वादे पूरे नहीं हुए। इस भ्रष्टाचार की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दी थी दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षो ने शोक संवेदनाएं जताई थीं। प्रधानमंत्री ने भी दुख व्यक्त किया था ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ने घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए एसटीएफ को पूरा मामला दे दिया। अधिशासी अधिकारी कुछ कर्मचारी जेल गए जमानत होकर घर आ गए। एसआईटी ने अपनी जांच में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अध्यक्ष वह अन्य को दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब उस पर क्या कार्यवाही हुई है यह अभी पीड़ितों को भी ठीक से पता नहीं है उन्हें तो इंतजार है कि कब दोषियों को सजा मिले और सरकार अधिकारियों द्वारा किए गए वादों को पूरा करे जिससे उनके जीवन की कुछ दुश्वारियां कम हो सके। घर पर कमाने वालो के ना होने से खुद काम करके बच्चों को पाल रहा है पीड़ित परिवार।