मुरादनगर की इस बस्ती को या तो नाव दिलाई जाए या फिर इस समस्या से निजात दिलाए
रिपोर्ट- अबशार उलहक
गाजियाबाद दिल्ली से सटा है इस जिले पर सभी की निगाह रहती है यहां अधिकारी विकास कार्यों में कोई चूक नही करते, देर सवेर विकास हो ही जाता है। जिले में हर जगह लोगो का कल्याण होता है मगर गाजियाबाद जिले के कस्बा मुरादनगर में सहबिस्वा बस्ती है जिसको शायद आलाधिकारी व नेतागण भूल गए है कि इस जगह में भी हजारों लोग रह रहे है। तस्वीरों में सिर्फ झलक दिखाई सकती है मगर दर्द सिर्फ वही के लोग भलीभाँति जानते है।
सहबिस्वा बस्ती का दर्द
मुरादनगर शहर में मंत्री, विधायक, चेयरमैन सभी रहे है जहां-जहां उन लोगों का आना जाना रहा वो सड़के और रास्ते कभी नही टूटे है। मगर शहर की बस्ती सहबिस्वा से शायद ही कोई नेता निकलकर गया हो जिस जगह की सड़क पर सालो-साल लगातार पानी भरा रहता है। हजारो परिवार इस बस्ती में रहते है मगर कभी इस दुख से निजात नही पा सके। मुरादनगर नगरपालिका में इस बस्ती के शामिल होने पर थोड़ी आस थी मगर उसका फायदा भी इन लोगो को नही मिल पाया है। सहबिस्वा में टूटी सड़के, गायब नालिया और बेकार पानी पी कर जी रहे है लोग जिससे वहां बीमारी बहुत ही आसानी से बट रही है।
मदद की गुहार
सहबिस्वा बस्ती में रहने वाले लोगो को अभी भी इस नरक से निजात दिलाने वालों से मदद की आस है कि शायद इस नरक से वो जल्द छुटकारा पायेंगे। बिना बारिश के ही गंदे पानी से भरी ये सड़के जल्द साफ और बेहतर दिखने लगेंगी। इस इलाके में बीमारी की असल वजह वहा की ऐसी दुर्दशा सामने होती है। बस्ती के लोगो का कहना है कि बस्ती की चौड़ी सड़को पर सालो-साल पानी रहता ही है कभी भी ये खत्म नही हुआ वही इस बस्ती के शुरूआत में आते समय कूड़े का ढ़ेर आपका स्वागत करता दिखाए पड़ेगा। इन समस्याओ से निजात दिलाने के सैकड़ो वादे तो मिले मगर कभी इस समस्या का समाधान नही हुआ। हांलाकि बस्ती वासियों को अभी भी आला-अधिकारियों से उम्मीद है वो जल्द इस समस्या को खत्म करके यहां के लोगो पर उपकार करेंगे।