गाजियाबाद में एसटीएफ ने अवैध रूप से पिस्टल और तमंचे बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक सहित 3लोगो को किया गिरफ्तार
गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम के मोरटा औद्योगिक क्षेत्र में एसआरएस इंडिया इंडस्ट्रीज नाम की फैक्टरी में कागजों में तो मशीन के पुर्जे बन रहे थे लेकिन हकीकत में यहां अवैध रूप से पिस्टल और तमंचे बनाए जा रहे थे। मेरठ और बुलंदशहर तक से लोग इस फैक्टरी से असलहा खरीदकर ले जा रहे थे। बुधवार की सुबह इसका भंडाफोड़ करते हुए स्पेशल टास्क फोर्स ने फैक्टरी मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
फैक्टरी से .30 और .32 बोर की 14 पिस्टल, आठ कारतूस, असलहा बनाने की मशीनें, अन्य उपकरण, 1.58 लाख रुपये, कार और बाइक बरामद की गई। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए आरोपी डासना के रफीक कॉलोनी निवासी फैक्टरी मालिक शाह फहद, डासना के मयूर विहार निवासी जावेद, नंदग्राम के दीनदयालपुरी निवासी सादिक और मेरठ के मुंडाली निवासी शिवम हैं।
पूछताछ में शाह फहद ने बताया कि उसकी फैक्टरी में कई तरीकों के मशीनरी उपकरण बनाने का काम होता था। ज्यादा कमाई के लालच में छह महीने पहले पिस्टल और तमंचे बनाने का काम शुरू कर दिया। अभी तक करीब 80 पिस्टल बनाकर बेची जा चुकी हैं। इससे पहले हिंडन विहार में अवैध असलहा की फैक्टरी चलाता था। उसे बंद करके यहां काम शुरू किया।
मेरठ एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि अवैध असलाह के साथ पकड़े गए लोगों ने इस फैक्टरी की जानकारी दी। इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में मधुबन बापूधाम थाना पुलिस के सहयोग से छापा मारा गया तो भंडाफोड़ हो गया।
अवैध असलाह का खानदानी पेशा
फैक्टरी मालिक शाह फहद ने पुलिस को बताया कि अवैध असलहा बनाना और बेचना उसके खानदानी पेशा है। वह लंबे समय से इसे कर रहा है। उससे पहले उसके पिता नसीम अहमद भी अवैध असलाह बनवाते और बेचते थे। उसने पिता से ही यह काम सीखा था। पिता पुराने तरीके से करते थे जबकि उसने आधुनिक और कंप्यूटराइज्ड मशीनें लगाईं।
पेन ड्राइव में पिस्टल के दस डिजाइन : शाह फहद ने बताया कि वह लोगों की मांग (आन डिमांड) पिस्टल बनवाता था। जो लोग पिस्टल खरीदने आते थे, उन्हें दस डिजाइन दिखाता था। उसके पास पेन ड्राइव में सभी डिजाइन मौजूद हैं। इस पेन ड्राइव को मशीन में लगाने के बाद कमांड देते ही पिस्टल के हिस्से (पार्ट्स) बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
पिस्टल एक लाख की, तमंचा चार हजार में
फैक्टरी मालिक शाह फहद और मशीन आपरेटर शिवम ने आईटीआई डिप्लोमा कर रखा है। कर्मचारी जावेद व सादिक 12वीं पास हैं। शाह फहद शिवम को 18 हजार रुपये, सादिक को आठ हजार रुपये महीना देता है। जावेद को एक पिस्टल बनाने के पांच हजार और एक तमंचा बनाने के 1500 रुपये देता है। एक पिस्टल व तमंचे को तैयार करने में उन्हें सात से 10 दिन लगते हैं। पिस्टल एक लाख और तमंचा चार हजार रुपये में बेचते थे