जयपुर बम धमाकों के आरोपियों की रिहाई को लेकर जयपुरवासियों में आक्रोश;की न्याय की मांग
रामलीला मैदान में विशाल जनसभा के साथ निकाला मशाल-कैंडल मार्च, दी गयी श्रद्धांजलि
जयपुर में बुधवार को सड़कों पर “जयपुर मांगे न्याय” लिखी तख्तियां हाथ में लेकर आमजन के साथ-साथ भाजपा के सभी प्रमुख नेता तक राजस्थान सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते दिखाई दिए। सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया . जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों की रिहाई को लेकर संपूर्ण जयपुर सहित प्रदेश स्तर पर विरोध हो रहा है। इसी के तहत बुधवार को जयपुर की जनता सड़कों पर उतर आई और शाम को विरोध करते हुए रामलीला मैदान में विशाल आम सभा का आयोजन किया गया । जहां स्टेज पर केवल ब्लास्ट पीड़ितों के परिवार जनों को जगह दी गई बाकी आम जनता से लेकर वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री-विधायक,व्यापारमंडलों के प्रतिनिधि तक पंडाल में एक साथ बैठे।
कार्यक्रम में ब्लास्ट पीड़ित दिवंगत सुशीला देवी के परिजन एवं अन्य कई ब्लास्ट पीड़ित व उनसे परिवारजन ,विभिन्न सामाजिक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि, क्षेत्रीय व्यापार मंडलों के प्रतिनिधि, संत जनों सहित भाजपा के नामी चेहरे मौजूद रहे
इस दौरान बम ब्लास्ट पीड़िता मोबिना ने कहा कि बम ब्लास्ट करने वाले पहले गुनहगार थे तो अब क्यों नहीं रहे। कांग्रेस ने आंखें बंद कर ली है। इस सरकार को जनता जवाब देगी। किशन नामा की मां ने कहा कि मुझे बेटे को खोने का गम है। ताराचंद के बेटे शशांक ने कहा कि बम ब्लास्ट का दिन काला दिन था। एक 16 साल के बच्चे पर परिवार का बोझ आ गया। आप जनप्रतिनिधि मिलकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएं।
ये भी रहे मौजूद – कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, घनश्याम तिवारी, कालीचरण सराफ, रामलाल शर्मा, कैलाश वर्मा अशोक परनामी, राघव शर्मा, सांसद दिया कुमारी, ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर सहित हाथोज धाम के बालमुकुंद आचार्य, समाजसेवी रवि नैयर, चंद्रप्रकाश भाड़ेवाला, व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, विप्र महासभा के सुनील उदैया, परशुराम सेना के अनिल चतुर्वेदी, बजरंग दल के सुमित खंडेलवाल सहित शहर के अन्य प्रमुख चेहरे उपस्थित रहे
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं। जब जयपुर जख्मी हुआ, उन जख्मों को आज हम हरा देख रहे हैं। उस समय 71 लोग बेजान होकर जमीन गिर गए। चारों और चीत्कार उठा। आज वो चीत्कर और मन में दर्द पीड़ित परिवारों की आंखों में देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एएजी को हटाकर इतिश्री कर ली। अपराधियों की तरफ से बड़े-बड़े वकील आए और सरकार ने छोटा सा वकील किया। सरकार को इस जयपुर की चीत्कार को सुन लेना चाहिए। बद्दुआ जयपुर के जनमानस से निकली है। सरकार को समय रहते हुए कार्रवाई कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की कुर्सी के पाए हिले और 92 विधायकों ने इस्तीफे दिए तो हाईकोर्ट में बड़े वकील पहुंच गए। फिर क्या मजबूरी रही कि इस मामले में बड़े वकील नहीं लगाए गए।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि दुर्भाग्य है कि क्या कारण था कि जहां लोअर कोर्ट ने फंासी की सजा सुनाई फिर गवाह और सबूत कहां चले गए। आतंकवादी सुप्रीम कोर्ट वकील खड़े कर सकती है तो सरकार एक भी बड़ा वकील खड़ा हीं कर पाइर्। किसको खुश करने के लिए सरकार को एएजी कोर्ट में एपीयर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बाटला हाउस में आतंकवादी मर जाते है तो सलमान खुर्शीद कहते हैं कि इनकी मौत हुई तो रातभर उनकी अम्मा के आंसू नहीं रुक पाए। तब जाकर ध्यान में आता है कि रामनवमी और नववर्ष के जुलूस को रोकने की हिमाकत क्यों की जाती है। जोशी ने विश्वास दिलाया कि पीड़ितों के सुख-दुख में भाजपा परिवार उनके साथ खड़ा है।
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कांग्रेस सरकार के सही से पैरवी नहीं करने चलते हाईकोर्ट से आरोपियों को रिहाई मिली। क्योंकि सरकार की ओर से कोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं की गई। बीजेपी पीड़ित परिवार की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगा। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। आरोपियों को सजा दिलाकर रहेंगे। इस मौके पर पीड़ित परिवारों ने भी सरकार से दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से सजा दिलवाने की मांग की।
भाजपा गुरुवार को दो गवाहों के जरिए यह एसएलपी दायर कर रही है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की मौजूदगी में यह पिटिश दायर की जाएगी। रामलीला मैदान में बम ब्लास्ट पीड़ितों के पक्ष में आयोजित सभा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने इसकी घोषणा की।