कैट लखनऊ खंडपीठ का उद्घाटन, सीएम योगी बोले- सुशासन की पहली शर्त रूल ऑफ लॉ
Published by धर्मेंद्र शर्मा

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की लखनऊ खंडपीठ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त रूल ऑफ लॉ है, जो समयबद्ध, सहज और सरल होना चाहिए ताकि एक सामान्य कर्मचारी भी न्याय तक पहुंच सके और समय पर उसकी सुनवाई हो सके। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
सीएम योगी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दिन वंचित और दलित वर्ग को न्याय दिलाने के संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए ट्रिब्यूनल प्रणाली कारगर है और सरकार की प्राथमिकता में है कि यह प्रणाली समयबद्ध न्याय दे सके।
16 जिलों के कर्मियों को मिलेगा लाभ
उन्होंने कहा कि कैट लखनऊ खंडपीठ से अब क्षेत्र के 16 जिलों के केंद्रीय कर्मियों को न्याय मिल सकेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि किसी कर्मचारी को मजबूरी में यहां आना पड़े तो उसे निष्पक्ष न्याय अवश्य मिलेगा। इस मौके पर कैट के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रणजीत मोरे, लखनऊ खंडपीठ के विभागाध्यक्ष न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा और प्रशासनिक सदस्य संजय कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
2014 से 2025 तक 6000 से अधिक मामलों का निस्तारण
सीएम ने बताया कि 2014 से 2025 के बीच लखनऊ पीठ में दर्ज 6700 में से 6000 से अधिक मामलों का निस्तारण हो चुका है। उन्होंने सुझाव दिया कि बहुत से मामलों में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर संवाद के जरिए समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में प्रदेश में 33 लाख राजस्व मामले लंबित थे, जिनमें से अब तक 34 लाख मामलों का निस्तारण किया जा चुका है।
भव्य भवन के लिए योगी सरकार का योगदान: डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी के प्रयासों से कैट का भव्य भवन तैयार हो पाया है। उन्होंने बताया कि 1825 वर्गफीट भूमि का शीघ्र ट्रांसफर कराकर सरकार ने 18 करोड़ की लागत से भवन निर्माण को संभव बनाया।