लखनऊ में दो बड़ी चोरी की घटनाएं, महिला इंस्पेक्टर और बुजुर्ग महिला बनीं शिकार
Published by धर्मेंद्र शर्मा

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में दो अलग-अलग इलाकों में चोरी की बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। गोमती नगर के विपुल खंड में रहने वाली महिला पुलिस इंस्पेक्टर गुंजन अग्रवाल ने अपने परिचित अंकित सिंह के खिलाफ छह लाख रुपये के जेवर चोरी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, सुशांत गोल्फ सिटी के अर्जुनगंज में रहने वाली ऊषा देवी के मकान से चोरों ने 30 लाख रुपये के गहने पार कर दिए। ऊषा देवी ने पुलिस पर 22 दिन तक मामला दर्ज न करने का आरोप भी लगाया है।
इंस्पेक्टर गुंजन अग्रवाल के मुताबिक, उनके घर से चार माह से नकदी गायब हो रही थी, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया था। बीती 31 जनवरी को एक समारोह में जाने के लिए जब उन्होंने लॉकर खोला, तो उसमें रखे छह लाख रुपये के आभूषण और बेटे अपूर्व के कमरे से 30 हजार रुपये गायब मिले।
सीसीटीवी में कैद हुआ आरोपी अंकित
शुरुआत में गुंजन को लगा कि शायद उन्होंने गहने कहीं और रख दिए होंगे। लेकिन बेटे अपूर्व ने एहतियातन मकान में सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। तीन अप्रैल की शाम को अपूर्व के मोबाइल पर सीसीटीवी का नोटिफिकेशन आया। वीडियो देखने पर पता चला कि परिचित अंकित सिंह अलमारी में कुछ तलाशते हुए नजर आ रहा था। जब अंकित से पूछताछ की गई तो उसने चोरी से इनकार कर दिया। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी का मोबाइल फोन बंद है और उसकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं।
चोरी के बाद 22 दिन तक थाने के चक्कर
दूसरी ओर अर्जुनगंज निवासी ऊषा देवी होली के अवसर पर अपने परिवार के साथ गांव बक्सर गई थीं। 19 मार्च को दोपहर में पड़ोसी प्रमोद कुमार राय ने उन्हें फोन कर घर में चोरी की सूचना दी। अगले दिन जब ऊषा देवी घर लौटीं तो देखा कि घर से करीब 30 लाख रुपये के जेवरात गायब हैं।
ऊषा देवी का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की और उन्हें लगातार थाने के चक्कर लगवाती रही। आखिरकार 22 दिन बाद पुलिस ने केस दर्ज किया। इंस्पेक्टर अंजनी मिश्र ने बताया कि जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।