
जेवर कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर फर्जी मुठभेड़ के मामले में तत्कालीन कोतवाल अंजनी कुमार समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मथुरा निवासी तरुण गौतम की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। तरुण ने आरोप लगाया कि चार सितंबर 2022 की रात करीब 8:45 बजे उनके घर पर बिना नंबर की दो गाड़ियां आकर रुकीं। इनमें सिविल ड्रेस में 10-12 लोग सवार थे, जिन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताकर जबरन घर में घुसकर तोड़फोड़ और अभद्रता की। इस दौरान 22 हजार रुपये नकद जब्त कर लिए गए।
तरुण के मुताबिक, पुलिसकर्मी उनके बेटे सोमेश गौतम उर्फ सीटू के बारे में पूछताछ करने लगे। उन्होंने बताया कि सोमेश दिल्ली में कोचिंग कर रहा है, लेकिन पुलिस ने विश्वास न करते हुए घर की तलाशी ली और तरुण को जबरन गाड़ी में डालकर अज्ञात स्थान पर ले जाकर पीटा।
दिल्ली से पकड़कर जेवर लाए
अगले दिन सुबह पुलिस तरुण को दिल्ली लेकर गई, जहां से उनके बेटे सोमेश को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों को जेवर थाने लाया गया, जहां पुलिस ने बर्बरतापूर्वक पिटाई की और सोमेश को बिजली के झटके दिए। आरोप है कि पुलिस ने दबाव डालकर सोमेश से झूठा अपराध कबूल करवाने की कोशिश की। बाद में सोमेश को कथित फर्जी मुठभेड़ में घायल किया गया। उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर पैर में गोली मार दी गई।
पांच फर्जी मुकदमे दर्ज
घटना के बाद सोमेश पर चोरी, आर्म्स एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास और गैंगस्टर एक्ट समेत पांच फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए। तरुण ने आरोप लगाया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष अंजनी कुमार ने सोमेश को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। यह राशि मजबूरी में तरुण के भाई द्वारा दी गई। साथ ही, सोमेश से बरामद दिखाई गई बाइक बाद में एक अन्य केस में दूसरे आरोपी से बरामद दिखा दी गई।
पुलिस आयुक्त से शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
तरुण ने कई बार पुलिस आयुक्त गौतम बुद्ध नगर को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 10 जून 2024 को जब वह थाना जेवर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे, तो उन्हें भगा दिया गया। आखिरकार उन्होंने कोर्ट की शरण ली, जिसके आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ।
इन पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुआ केस
मुकदमा तत्कालीन कोतवाल उपनिरीक्षक अंजनी कुमार, उपनिरीक्षक राकेश बाबू, अनिरुद्ध यादव, शरद यादव, चाँदवीर, सन्नी कुमार, नीलकांत, कांस्टेबल रोहित कुमार, भूरी सिंह, जय प्रकाश, नौस कुमार और छीतर सिंह के खिलाफ दर्ज किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452, 504, 506, 323, 427, 395, 342, 307, 195, 219 और 34 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।