गाजियाबाद : हिंदू रक्षा दल ने औरंगजेब समझकर बहादुर शाह जफर की तस्वीर पर पोती कालिख
रिपोर्ट : अबशार उलहक

यूपी के गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार को उस समय हंगामा मच गया, जब हिंदू रक्षा दल के कुछ कार्यकर्ताओं ने स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लगी एक तस्वीर पर कालिख पोत दी। यह तस्वीर भारत के अंतिम मुगल शासक और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक बहादुर शाह जफर की थी, लेकिन कार्यकर्ताओं ने इसे मुगल शासक औरंगजेब की तस्वीर समझकर यह कदम उठाया। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को सतर्क कर दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छेड़ दी है।
क्या है पूरा मामला
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर हाल ही में सौंदर्यीकरण के तहत कई ऐतिहासिक हस्तियों की तस्वीरें लगाई गई थीं, जिनमें बहादुर शाह जफर की तस्वीर भी शामिल थी। यह तस्वीर प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर प्रदर्शित थी। हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी के नेतृत्व में कुछ कार्यकर्ताओं ने इस तस्वीर को औरंगजेब की तस्वीर समझ लिया और उस पर कालिख पोत दी। कार्यकर्ताओं का दावा था कि औरंगजेब ने अपने शासनकाल में मंदिरों को नष्ट किया था, इसलिए उनकी तस्वीर को सार्वजनिक स्थान पर लगाना अस्वीकार्य है। हालांकि, यह तस्वीर वास्तव में बहादुर शाह जफर की थी, जो 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों के प्रतीक बने थे। इस गलतफहमी ने न केवल ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी को उजागर किया, बल्कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी सामने लाया।
प्रशासन और रेलवे की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में मुकदमा दर्ज किया। RPF ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और स्टेशन पर लगे CCTV फुटेज की जांच की जा रही है। उसी दिन डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे थे, जिन्होंने इस घटना पर सख्त नाराजगी जताई और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया। दूसरी ओर गाजियाबाद जिलाधिकारी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति जागरूकता की कमी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की इस घटना की जांच की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और तथ्यों की पुष्टि किए बिना किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
सोशल मीडिया पर बहस
इस घटना ने सोशल मीडिया, खासकर X प्लेटफॉर्म पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाईं। कुछ लोगों ने हिंदू रक्षा दल की इस कार्रवाई को ऐतिहासिक अज्ञानता का परिणाम बताया। एक यूजर ने लिखा, “नफरत ने इस कदर अंधा बना दिया है कि औरंगजेब और बहादुर शाह जफर में फर्क ही नहीं समझा। बहादुर शाह जफर ने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।” वहीं, कुछ अन्य यूजर्स ने कार्यकर्ताओं के इस कदम का समर्थन करते हुए इसे हिंदू भावनाओं की रक्षा से जोड़ा। वही रेलवे प्रशासन ने तस्वीर को साफ करने और क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है। साथ ही, स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने का निर्णय लिया गया है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।