5th December 2024

उत्तर प्रदेश

अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रनवे पर शुक्रवार से पहली बार विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे।

Published by : चमन सिंह

ग्रेटर नोएडा : एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित किए जा रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के रनवे पर शुक्रवार से पहली बार विमान उतरेंगे और उड़ान भरेंगे। एयरपोर्ट के रनवे के ट्रायल रन में 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक रोजाना तीन विमान लैंडिंग और टेक ऑफ करेंगे। पूरी प्रक्रिया में 90 अलग-अलग विमानों से रनवे का परीक्षण किया जाएगा। रोजाना इसकी रिपोर्ट नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) को भेजी जाएगी। ट्रायल रन में अकासा और इंडिगो एयरलाइन के छोटे और बड़े विमान भी शामिल होंगे।

अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन की तैयारियों को मुकम्मल करने के लिए शुरू किए जा रहे रनवे टेस्टिंग को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में भी रखकर किया जाएगा। दरअसल, एयरपोर्ट का पहला रनवे 3900 मीटर लंबा है, जबकि दूसरे एयरपोर्ट पर रनवे की अधिकतम लंबाई 2000 से 2500 मीटर तक ही होती है। ऐसे किसी भी प्रकार के विमान की लैंडिंग व टेकऑफ में दिक्कत नहीं होगी। एयरपोर्ट भविष्य में तैयार होने वाले आधुनिक विमानों को भी रनवे पर लैंड व टेकऑफ किया जा सकेगा। परीक्षण के दौरान ही यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को 25 नवंबर तक फ्लाइट ट्रायल की अनुमति मिलेगी। जिसके बाद ही 30 नवंबर को यात्रियों के साथ विमान की रनवे पर लैंडिंग कराई जाएगी।

स्थापित हो चुके हैं आधुनिक उपकरण
एयरपोर्ट पर कैट एक और कैट तीन उपकरण स्थापित हो चुके हैं, जो कोहरे में विमान की ऊंचाई और दृश्यता की जानकारी देते हैं। साथ ही इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) को स्थापित भी किया जा चुका है, जिसकी एयरक्राफ्ट बीच किंग एयर 360 ईआर के जरिये 10 से 14 अक्तूबर तक जांच की गई थी, जांच में रडार व नेविगेशन ठीक से काम करते पाए गए थे। किसी भी विमान के उड़ान व लैंडिंग में आईएलएस एक आवश्यक सुरक्षा प्रणाली होती है, जो पायलटों को कोहरे, बारिश या अन्य प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण दृश्यता काफी कम होने पर भी सुरक्षित रूप से उतरने में सक्षम बनाती है।

उड़ान से 90 दिन पहले हासिल करने होंगे सभी लाइसेंस
एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन की तिथि 17 अप्रैल नियत की गई है। इसके लिए 30 नवंबर को तीन प्रकार के एयरक्राफ्ट और विमान उतारकर रनवे की टेस्टिंग होगी। इस ट्रायल में विमानों में कू मेंबर से लेकर यात्री तक मौजूद रहेंगे। कॉमर्शियल उड़ान शुरू करने के लिए 90 दिन पहले सभी लाइसेंस ले लिए जाएंगे। एयरपोर्ट से पहले दिन से 30 विमान सेवा शुरू होगी। इनमें 25 घरेलू, तीन अंतरराष्ट्रीय और दो कार्गो फ्लाइट शामिल है। अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट सिंगापुर, दुबई और ज्यूरिख रवाना होगी। इसके लिए लुफ्थांसा और सिंगापुर एयरलाइन के साथ करार हुआ है। वहीं घरेलू स्तर पर अकासा और इंडिगो के विमान यहां से उड़ान भरेंगे।

एयरपोर्ट के रनवे की टेस्टिंग के लिए 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक रोजाना तीन विमान लैंडिंग और टेक ऑफ करेंगे। यापल को 25 नवंबर तक फ्लाइट ट्रायल के लिए डीजीसीए से अनुमति लेनी है।
– डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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