5th December 2024

उत्तर प्रदेश

नोएडा सेक्टर 62,श्रीरामलीला के तीसरे दिन मुख्य अतिथि कैप्टन विकास गुप्ता दर्जा प्राप्त मंत्री और योगेंद्र शर्मा अध्यक्ष फोनरवा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर रामलीला का शुभारंभ हुआ

रिपोर्ट आशु गुप्ता

नोएडा (आशु गुप्ता ): सेक्टर-62 के रामलीला मैदान में श्रीराम मित्र मण्डल नोएडा रामलीला समिति द्वारा आयोजित श्रीरामलीला के तीसरे दिन मुख्य अतिथि कैप्टन विकास गुप्ता दर्जा प्राप्त मंत्री और योगेंद्र शर्मा अध्यक्ष फोनरवा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर रामलीला का शुभारंभ हुआ। श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के चेयरमैन उमाशंकर गर्ग, अध्यक्ष धर्मपाल गोयल एवं महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया गया।

प्रथम दृश्य में ऋषि विश्वामित्र के आश्रम में राजा जनक के दूत का आगमन होता है और वह ऋषि विश्वामित्र को सीता स्वयंवर की जानकारी देते हैं और स्वयंवर में आने का निमंत्रण देते हैं। मिथिला में पड़े भयंकर सूखे से राजा जनक बेहद परेशान हो गए थे, तब इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें वशिष्ठ ऋषि ने यज्ञ करने और धरती पर हल चलाने का सुझाव दिया।ऋषि के सुझाव पर राजा जनक ने यज्ञ करवाया और उसके बाद राजा जनक धरती जोतने लगे तभी उन्हें धरती में से सोने की डलिया में मिट्टी में लिपटी हुई एक सुंदर कन्या मिली।राजा जनक की कोई संतान नहीं थी,इसलिए उस कन्या को हाथों में लेकर उन्हें पिता प्रेम की अनुभूति हुई ।राजा जनक ने उस कन्या को सीता नाम दिया और उसे अपनी पुत्री के रूप में अपना लिया । प्रभु राम मुनि विश्वामित्र के साथ रास्ते में जाते हैं इसी बीच एक आश्रम दिखाई दिया जिसमें पशु पक्षी व जीव जंतु नहीं थे।

भगवान राम ने पत्थर की शिला देखकर विश्वामित्र जी से पूछा, विश्वामित्र ने पूरी कथा राम जी को बताई कि यह शिला गौतम मुनि की पत्नी हैं जो श्राप वश पत्थर की देह धारण किये हैं।श्रीराम जी के पवित्र चरणों की रज का स्पर्श पाते ही अहिल्या प्रकट हो जाती हैं एवं भगवान के चरणों में लिपट जाती है ।ऐसी प्रार्थना कर अहिल्या पति लोक को चली जाती हैं। अगले दृश्य में मुनि विश्वामित्र के साथ चलते-चलते जनकपुर के निकट पहुंच जाते हैं।जनकपुर पहुंचकर श्रीराम एवं लक्ष्मण जनक बाजार में पहुंचते हैं जहाँ तरह-तरह की दुकानें सुसज्जित थीं।विभिन्न प्रकार के पकवान एवं तरह-तरह की मिठाईयां देख उनका मन प्रसन्न हो गया ।

अगले दृश्य में माता सीता मनचाहे वर के लिए माता गौरी की पूजा करती हैं ताकि उन्हें राम वर के रुप में प्राप्त हों और वह अपना मन चाहा वर प्राप्त कर सकें।इसके साथ ही तीसरे दिन की लीला का समापन होता है।
कल,6 अक्टूबर को राजा जनक द्वारा राजाओं का स्वागत, धनुष भंग करने का प्रयास, जनक के ऊपर लक्ष्मण का क्रोध, रावण का विवाह मंडप में आगमन,राम द्वारा धनुष भंग,परशुराम क्रोध, वरमाला आदि लीलाओं का मंचन किया जायेगा।
इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग, सलाहकार मनोज शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतनारायण गोयल, राजकुमार गर्ग, चौधरी रविन्द्र सिंह, तरुणराज, पवन गोयल, बजरंग लाल गुप्ता, एस एम गुप्ता, अजीत चाहर, गौरव मेहरोत्रा, आत्माराम अग्रवाल, मुकेश गोयल, मुकेश अग्रवाल, मनोज शर्मा, मीडिया प्रभारी मुकेश गुप्ता, गिरिराज बहेडिया, चक्रपाणि गोयल, राजेश माथुर, अनंत वर्मा,साहिल चौधरी, कुलदीप गुप्ता, शांतनु मित्तल, सुधीर पोरवाल, मोतीराम गुप्ता, अर्जुन अरोड़ा, आर के उप्रेती सहित श्रीराम मित्र मंडल नोएडा रामलीला समिति के सदस्यगण व शहर के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्तिथ रहे।

 

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