उड़ रही मौत की डोर बैन के बावजूद मिल रहा है चीनी मांझा पुलिस करे सख्त कार्यवाही
रिपोर्ट :धर्मेंद्र शर्मा
नोएडा (धर्मेंद्र शर्मा)दिल्ली-एनसीआर में दूसरे राज्यों से ‘मौत’ के मांझे की डिलीवरी ने चिंता बढ़ा दी है। मांझा विक्रेता बेखौफ होकर धड़ल्ले से बिक्री कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश से प्रतिबंधित चीनी मांझे दिल्ली पहुंच रहे हैं। न पुलिस का खौफ और न ही प्रशासन की कार्रवाई का डर इन विक्रेताओं में दिखता है। ऑनलाइन वेबसाइट बनाकर यह खुले आम अलग-अलग नामों से चीनी मांझा बेच रहे हैं। इसके लिए वह ऑनलाइन ऑर्डर ले रहे हैं। यही नहीं, मांझा विक्रेता इतने चौकस हैं कि वह किसी भी तरह पुलिस की पकड़ में न आएं इसके लिए डिजिटल पेमेंट स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसमें केवल कैश ऑन डिलीवरी कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में मांझे से घायल लोग व पक्षियों की संख्या बढ़ सकती है
15 अगस्त करीब है। इसके जश्न की तैयारियां जोरो-शोरो से चल रही हैं। आसमान में रंग-बिरंगी पतंग उड़ना शुरू हो गई हैं। पतंगों के शौकीन एक-दूसरे की पतंग काटने के लिए अपने घरों की छत पर नजर आने लगे हैं। लेकिन, बावजूद इसके लापरवाही बरती जा रही है। बाजारों में कुछ सख्ती तो देखने को मिली है, पर अब भी बिक्री पूरी तरह से बंद नहीं हुई है। पतंगबाजी के दौरान इस मांझे की चपेट में आकर बीते वर्षों कई लोगों के जीवन की डोर टूट चुकी है। सबसे अधिक खतरा दो पहिया वाहनों को होता है।
यह है चीनी मांझा
पतंग व मांझा विक्रेताओं के मुताबिक चीनी मांझा नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। नायलॉन के धागे पर कांच और लोहे को पीस कर धागे पर धार लगाई जाती है। ये प्लास्टिक जैसा दिखता है और स्ट्रेचेबल होता है। इसे खींचते हैं तो टूटने के बजाय बढ़ जाता है। इसे काटना मुश्किल होता है।
सोशल मीडिया में जागरुक कर रहे हैं लोग
चीनी मांझे के खिलाफ सोशल मीडिया में मुहीम चल रही है। लोग इसे इस्तेमाल न करने के लिए गुजारिश कर रहे हैं। जबकि, लोग एक-दूसरे को इस मांझे से बचने के लिए भी गुहार लगा रहे हैं। इस कड़ी में एक संदेश खूब वायरल हो रहा है। इसमें सभी दोपहिया वाहन चालकों से निवेदन किया है कि 15 अगस्त तक गले को रूमाल या किसी कपड़े से ढक कर वाहन चलाएं और पतंग के मांझे से सावधानी बरतें।