राजस्थान पहले फेज में लगभग 60% वोटिंग, पिछली बार से 07 प्रतिशत कम हुआ मतदान
राजस्थान में 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार के मतदान में 07 प्रतिशत की कमी रही। अब बड़ा सवाल ये है कि वोट कम पड़ने की चिंता किस पार्टी को सबसे ज्यादा रहने वाली है। इससे पहले राजस्थान में मतदान घटने-बढ़ने का क्या ट्रेंड रहा है
राजस्थान में वोट प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में इस बार कम रहने की आशंका है। पिछले लोकसभा चुनावों में राजस्थान में लगभग 67 प्रतिशत की वोटिंग हुई, लेकिन इस बार शाम 9 बजे खबर लिखे जाने तक निर्वाचन विभाग प्रदेश में वोटिंग के आंकड़े अपडेट कर रहा है। अब तक जो आंकड़े आए हैं, उनके मुताबिक राजस्थान में वोटिंग 58.39 प्रतिशत ही रही। हालांकि देर रात तक यह आंकड़े अपडेट होते रहेंगे, लेकिन इसमें 3-4 प्रतिशत ज्यादा बदलाव की गुंजाइश कम ही है।
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि वोट प्रतिशत में यह गिरावट किसके लिए खतरे की घंटी बजा रही है। क्या वोटों की गिरावट सिर्फ BJP के जीत के मार्जिन को ही कम करेगी या फिर सीटें भी इधर-उधर होंगी।
पहले चरण में जिन 12 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें कई सीटें पहले ही टफ बताई जा रही थीं। अब वोटिंग प्रतिशत कम रहने से मुकाबला और भी ज्यादा कड़ा नजर आ रहा है। अब से कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो राजस्थान में रिकॉर्ड वोटिंग हुई थी। प्रदेश की 200 सीटों पर 74.62 प्रतिशत वोट डाले गए। इसका असर ये हुआ कि BJP सत्ता में आई। अब लोकसभा चुनावों में वोटिंग कम रही तो कहीं न कहीं ये सत्ताधारी पार्टी के लिए बड़े खतरे का संकेत है।
राजस्थान में लोकसभा चुनावों में आखिरी घंटे में 5 से 7 प्रतिशत वोटिंग का ट्रेंड रहा है। वहीं विधानसभा चुनावों में ये 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ता देखा गया है। ऐसे में यदि ट्रेंड कायम रहता है तो वोट प्रतिशत में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।
BJP को चुनावों से पहले ही इस बात की चिंता सता रही थी कि राजस्थान में वोटिंग प्रतिशत कम रह सकता है। परंपरागत रूप से वोटिंग कम रहती है तो इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। वोटिंग बढ़ने का फायदा हमेशा BJP को मिला है।
12 सीटों पर गिरा मतदान प्रतिशत
- जयपुर शहर – 2019 में जयपुर शहर में 68.11 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 57.73%
- जयपुर ग्रामीण – 2019 में जयपुर ग्रामीण में 65 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 52.73%
- अलवर – 2019 में अलवर में 66.84 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 54.13%
- भरतपुर- 2019 में भरतपुर में 58.85 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 49.19%
- करौली-धौलपुर- 2019 में यहां 55.07 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 48.19%
- दौसा- 2019 में दौसा में 61.21 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 45.13%
- नागौर- 2019 में नागौर में 62.15 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 56.89 प्रतिशत। पिछले चुनावों के मुकाबले लगभग 6 प्रतिशत कम।
- गंगानगर-हनुमानगढ़- 2019 में गंगानगर-हनुमानगढ़ में 74.39 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 60.79%
- बीकानेर- 2019 में बीकानेर में 59.25 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 49.89%
- चुरू- 2019 में चुरू में 65.66 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 59.45%
- झुंझुनू- 2019 में झुंझुनू में 61.81 प्रतिशत की वोटिंग हुई थी। इस बार 44.97%
- सीकर-2019 में सीकर में 64.76 प्रतिशत की वोटिंग हुई थी। इस बार 50.90%
- Note: यह आंकड़े खबर लिखे जाने तक हैं – इनमें अभी और भी अपडेट होगा।