यूपी विधानसभा: ‘राम मंदिर का विरोध करने वालों का घर में घुसना हो बंद’; ओमवेश बोले- राम के समर्थन में हाथ उठाया
यूपी विधानसभा में राम मंदिर के प्रस्ताव पर सपा दो गुट में बंट गई थी। मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण में हुई चर्चा के दौरान भी यह मुद्दा नए सिरे से उठा।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर तंज कसे। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अभिभाषण की सराहना की तो विपक्षी सदस्यों ने कमियां गिनाते हुए संशोधन का प्रस्ताव दिया। इस दौरान कई सपा सदस्य अभिभाषण में राम मंदिर का जिक्र करने को लेकर प्रतिक्रिया देने में असमंजस में दिखे। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण की सराहना तो की, लेकिन भाजपा सरकार को घेरने से भी नहीं चूके।
श्रावस्ती से भाजपा विधायक रामफेरन पांडेय ने सदन में कहा कि सपा सरकार में रामभक्तों पर गोलियां चलवाई गयी थीं। इन कर्मों का फल अब इनको मिल रहा है। इनको राम मंदिर रास नहीं आ रहा। इनका पीडीए छलावा है। सपा सदस्य कमलाकांत राजभर ने कहा कि अभिभाषण में प्रदेश की सही तस्वीर नहीं दिख रही। लगातार अपराध बढ़ रहा है। बेटियों पर अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उन्होंने राजभर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग भी की।
सपा सदस्य शाहिद मंजूर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले का निराकरण करने की उनको खुशी है। हालांकि इसे वोटों में तब्दील करने का काम भाजपा कर रही है। बदलापुर से भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने कहा कि विपक्ष के 14 सदस्यों ने राम मंदिर का विरोध कर इतिहास के काले पन्नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। विरोध करने वालों का अपने ही घर में घुसना, खाना-पीना बंद हो जाएगा। नकुड़ से भाजपा विधायक मुकेश चौधरी ने कहा कि हम हर काम में पहले राम का नाम लेते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे क्षेत्र में 10 वर्ष से बंद चल रही तीन चीनी मिलों को शुरू कराया, जिससे किसान खुशहाल हो रहा है। सपा सदस्यों से बोले कि आपने माफिया को संरक्षण दिया, योगी सरकार ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया। इसके अलावा महेश त्रिवेदी, डॉ. राकेश कुमार वर्मा, स्वामी ओमवेश, श्रीराम चौहान समेत तमाम सदस्यों ने अभिभाषण पर अपना मत रखा।
स्वामी ओमवेश बोले- राम के विरोध नहीं समर्थन में हाथ उठाया था
समाजवादी पार्टी के विधायक स्वामी ओमवेश ने कहा कि वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भक्त हैं, वह कभी राम का विरोध नहीं कर सकते हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से सोमवार को राम मंदिर के बधाई प्रस्ताव के विरोध में शामिल विधायकों में से उनका नाम हटाने का आग्रह किया। हुआ यूं कि विधानसभा में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी के नाम बधाई प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में स्वामी ओमवेश सहित सपा के 14 विधायकों ने प्रस्ताव के विरोध में हाथ खड़ा किया था। मंगलवार को मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद सपा विधायकों को क्षेत्र में नाराजगी का भय सताने लगा। स्वामी ओमवेश ने सदन में कहा कि उन्होंने बधाई प्रस्ताव के विरोध में नहीं बल्कि समर्थन में हाथ खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन हवन के बाद जयश्रीराम का नारा भी लगाते हैं।