प्राण प्रतिष्ठा: श्रीराम के लिए ससुराल से आया कोट, मिठाईयां और मौसमी फल, नेपाल के जनकपुर के मेयर उपहार लेकर आए
सोने-चांदी के बर्तन, धनुष-तीर, श्रृंगार का सामान, किचन का सामान गैस चूल्हा, सिलेंडर, बरतन आदि, खाद्य सामग्रियों में चावल, चूड़ा, खाजा, लड्डू, तिल के लड्डू, जानकी जी के चांदी के पदचिह्न समेत 5000 उपहार शामिल हैं।
अयोध्या(रिपोर्ट-धर्मेंद्र शर्मा ):माता जानकी की जन्मस्थली जनकपुर (नेपाल) से दामाद श्रीराम के लिए उपहार लेकर आए जनकपुरवासियों ने शनिवार को सबसे पहले रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। इसके बाद जनकपुर के मेयर मोहन शाह और जानकी मंदिर जनकपुर के महंत रामतपेश्वर दास कुछ उपहार लेकर अयोध्या के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी के आश्रम पहुंचे। वहां अयोध्या की परंपरा के अनुरूप पुष्पवर्षा कर जनकपुर वासियों का भव्य अभिनंदन किया गया।
महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि सदियों की परंपरा नए सिरे से मजबूत हो रही है। त्रेतायुग के बाद शायद यह पहला अवसर है जब नेपाल से इतनी मात्रा में रामलला के लिए उपहार आए हैं। इसके बाद अयोध्या के महापौर मेहमानों को लेकर कारसेवकपुरम पहुंचे। यहां नेपाल से लाए गए सभी उपहारों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज को सौंप दिए।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन सर्दी में है।
इसलिए जनकपुरवासियों ने दामाद जी के लिए उपहार के तौर पर कोट और ब्लेजर भी भेजा है। पीली धोती और कुर्ता के साथ गमछा भी है। जनकपुर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास ने बताया कि लाल-पीले कपड़ों से सजी डलियों में कई तरह के आभूषण, 10-10 किलो मेवा, 20-20 किलो मिठाइयां, मालपुआ और अन्य पकवान लाए गए हैं। मौसमी फलों से भरी 100 से ज्यादा डलियां हैं। बेटी सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान और सुहाग की सामग्री भी आई है।
इसके अलावा सोने-चांदी के बर्तन, धनुष-तीर, श्रृंगार का सामान, किचन का सामान गैस चूल्हा, सिलेंडर, बरतन आदि, खाद्य सामग्रियों में चावल, चूड़ा, खाजा, लड्डू, तिल के लड्डू, जानकी जी के चांदी के पदचिह्न समेत 5000 उपहार शामिल हैं। जनकपुर के उद्यमी मनीष रमण का कहना है कि दामाद जी श्रीराम लंबे समय तक टेंट में रहे। अब उन्हें नया महल मिल रहा है। जनकपुरवासी भावविभोर हैं। दामाद व बेटी के नए महल के उद्घाटन की खुशी में उपहार लाए हैं।
इस परंपरा के तहत आया भार
जनकपुर के उद्यमी मनीष रमण ने बताया कि ये उपहार जनकपुर की परिपाटी के तहत श्रीराम के लिए भेजे गए हैं। वहां परंपरा है कि बेटी का घर गृहस्थी बसाने के लिए मायके से नेग भेजा जाता है, जिसे भार कहते हैं। उसी परंपरा के तहत ये भार लेकर आए हैं। दामाद जी श्रीराम लंबे समय तक टेंट में रहे। अब उन्हें नया महल मिल रहा है। जनकपुरवासी भावविभोर हैं। दामाद व बेटी के नए महल के उद्घाटन की खुशी में उपहार लाए हैं।
सर्दी में आयोजन इसलिए दामाद जी के लिए कोट और ब्लेजर जनकपुर मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रोशन दास के अनुसार लाल-पीले कपड़ों से सजी डलियों में कई तरह के आभूषण, 10-10 किलो मेवा, 20-20 किलो मिठाइयां, मालपुआ और अन्य पकवान लाए गए हैं। मौसमी फलों से भरी 100 से ज्यादा डलियां हैं। बेटी सीता के लिए पीली धोती, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान और सुहाग की सामग्री भी आई है। दामाद राम के लिए पीली धोती और कुर्ता के साथ गमछा भी आया है। सर्दियों के मौसम कार्यक्रम होने की वजह से कोट पैंट और ब्लेजर भी भेजा गया है। इसके अलावा सोने-चांदी के बर्तन, धनुष-तीर, श्रृंगार का सामान, किचन का सामान गैस चूल्हा, सिलेंडर, बरतन आदि, खाद्य सामग्रियों में चावल, चूड़ा, खाजा, लड्डू, तिल के लड्डू, जानकी जी के चांदी के पदचिह्न समेत 5000 उपहार शामिल हैं।