ग्रेटर नोएडा पुलिस की स्क्रैप माफिया रवि काना पर कार्रवाई, गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज
स्क्रैप और सरिया माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। रवि नागर स्क्रैप माफिया और गैंगरेप के आरोपी है। रवि काना और दो महिलाओं समेत 16 के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ग्रेटर नोएडा : सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज होने के बाद फरार आरोपी सरिया स्क्रैप माफिया रवि काना समेत 16 पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी जिले में लंबे समय से कैसे सरिया व स्क्रैप का अवैध धंधा कर रहे हैं। पुलिस ने केस में इसका पूरा ब्योरा दिया है। केस में रवि की पत्नी मधु समेत दो महिलाओं पर भी केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपियों की अवैध कमाई से अर्जित करोड़ों रुपये की संपत्ति को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। जल्द गैंगस्टरों की संपत्ति को कुर्क किया जाएगा।
सोमवार को नोएडा के सेक्टर-39 थाने में सरिया और स्क्रैप माफिया रवि नागर व उसके साथियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में मुख्यारोपी गैंग लीडर रवि नागर अभी फरार है। लेकिन पुलिस ने आरोपियों के गिरोह पर शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया है।
बेनामी कंपनियों के नाम पर छीने जाते हैं टेंडर
बीटा-2 थाना प्रभारी निरीक्षक मुनेंद्र सिंह द्वारा दर्ज कराए गए केस में कहा गया है कि ये गिरोह जिले की विभिन्न निर्माणाधीन साइटों पर जाने वाले सरिये के ट्रकों को रोककर चालक से मिलीभगत कर सरिया उतरवा लेते हैं। रवि नागर उर्फ रविन्द्र सिंह उर्फ रवि काना साइट के मैनेजर को डरा धमकाकर स्टाक बुक में पूरा वजन अंकित कराते हैं। उतारे गए सरिया को बाजार भाव से व्यापारियों को बेचकर गिरोह के लिये अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त करते हैं। इसी प्रकार विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले स्क्रैप का ठेका भी गिरोह लेता है।गिरोह कंपनी और प्रतिष्ठान के मालिकों को डरा धमकाकर मनचाही दर पर खरीदकर कारोबारियों व उद्योगपतियों को आर्थिक क्षति पहुंचाते हैं।
तीन साल गिरोह की कंपनी ने की 97 फीसदी की वृद्धि
गैंग लीडर रवि नागर और उसके गिरोह के सदस्य स्क्रैप टेंडर को अपनी कम्पनी तथा अपने सहयोगियों की बेनामी कम्पनियों के नाम बाजार रेट का 1 से 10 प्रतिशत यानि अत्यंत न्यूनतम दर पर प्राप्त कर टेंडर छीन लेता हैं। गिरोह दूसरे कारोबारियों कम्पनी के टेंडर नहीं डालने देता। गिरोह की कम्पनी प्राइम प्रेसिंग टूल्स प्राइवेट लि. ने पिछले 03 वर्षों में 97 प्रतिशत की दर से अवैध तरीके से वृद्धि की है।