गाजियाबाद। स्टील कारोबारी अमित ने सिहानी गेट थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उन्हें काॅल करके थाने बुलाया। वह थाने पहुंचे तो पता चला कि उनकी हमदर्द चौराहे से गिरफ्तारी दिखा दी गई है। उन्हें जिस मामले में पकड़ा गया, उसमें पहले ही बरी हो चुके हैं। यह बात पुलिसवालों को बताई। इसके दस्तावेज दिखाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने एक न सुनी।
गोविंदपुरम निवासी अमित कुमार का कहना है कि मामला 2009 में सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो जाने का है। वह इसमें 2015 में बरी हो चुके हैं। अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी केस में तकनीकि गलती से उनके नाम गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया। उन्होंने पुलिस को बरी होने के कागजात दिखा दिए, फिर भी उनकी नहीं सुनी गई।
अमित ने बताया कि उनके पास थाने से सुबह नौ बजे कॉल आई। पुलिस ने कहा कोर्ट से कोई कागज आया है। उस पर हस्ताक्षर करने है। चौकी जाने पर वहां मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें जबरन कार में बैठाकर थाने ले गए। वहां जाकर बताया गया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट आया है, इसके कागज पर हस्ताक्षर कर दो। कागज में उन्हें हमदर्द चौराहे से गिरफ्तार दिखाया गया था। इसके बाद पुलिस ने उनका जबरन मेडिकल कराया। बायोग्राफी कराई, फोटो खींचे, अंगूठों के निशाल लिए, कई कागजों पर हस्ताक्षर कराए। ऑटो में बैठाकर ले गए। पुलिस ने उनके साथ अपराधी जैसा सलूक किया। मामले में उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
आरोपों की कराई जा रही जांच
एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय की ओर से जारी गैर जमानती वारंट का नियमानुसार पालन करते हुए अमित कुमार को गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां पुलिस को अवगत कराया गया कि उनका केस खत्म हो चुका है। ऐसे में वारंट को बिना तामील कराए वापस किया गया। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया। मामले में जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच कराई जाएगी