सावन में लाइन व ऑनलाइन दर्शन तथा कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार
रिपोर्ट: दीपक मिश्रा
कानपुर नगर ( दीपक मिश्रा) : सावन में लाइन व ऑनलाइन दर्शन तथा कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद हैं।
श्रद्धा के सावन माह की शुरुआत हुए 05 दिन बीत गए हैं लेकिन पहला सोमवार आने में अभी भी 24 घंटे का समय शेष है इसलिए जो भी तैयारी किसी भी स्तर पर शेष बच गई है उन्हें हर हाल में पूरा कर ले । यह निर्देश शनिवार को मर्चेंट हॉल में सावन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को दिए गए। साथ ही कहा है कि किसी भी स्तर पर कोई भी चूक ना हो वरना कार्यवाही के लिए तैयार रहे। सावन माह में शिवभक्त जितनी श्रद्धा के साथ शिवमंदिर व कावड़ यात्रा में जाएगे कमिश्नरेट पुलिस भी उतनी ही चौकसी से उनकी सुरक्षा में मुस्तैद रहेगी।
बैठक में पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने कहा कि इस बार सावन में 08 सोमवार पड़ रहे हैं , इसलिए सावधानी भी बड़े स्तर पर करनी होगी । जिस भी मंदिर पर आवश्यकता पड़ती है वहा पर अस्थाई पुलिस चौकी कवि निर्माण किया जाएगा। सभी डीसीपी, एसीपी अपने -अपने छेत्रो के मंदिरों का भ्रमण करते हुए आयोजक गण के साथ बैठक कर छोटी छोटी संमस्याओ पर विस्तृत जानकारी तैयार करते हुए माइक्रो लेवल के आधार पर सभी समस्याओं का निस्तारण करा लें। सभी मंदिरों में पार्किंग व्यवस्था, बैरिकेडिंग आदि सभी व्यवस्था सही कराए। प्रत्येक श्रद्धालु को बेहतर सुविधा देना हमारी जिम्मेदारी है। आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसका विशेष ध्यान रखें।समस्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी घाटो पर पीएसी जवान व मोटर बोट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मंदिरों और घाटो के आसपास सभी थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज के नंबर अवश्य अंकित कराए घाटो पर विशेष रूप से गोताखोरों के मोबाइल नंबर व संबंधित थाना इंचार्ज का नंबर बड़े बड़े अक्षरों में अंकित कराया जाए।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आंनद प्रकाश तिवारी ने कहा सभी को सुविधाएं व्यवस्था देना हमारी जिम्मेदारी है पूर्व वर्षों से भी बेहतर व्यवस्था करते हुए मंदिरों व शिवालयों में सुविधाएं मुहैया कराई जाए । बेहतर सुविधाओं के साथ कड़ी सुरक्षा के बीज सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी करके सुरक्षा भी पुख्ता की जाए।
जिलाधिकारी विशाख ने कहा कि मंदिर परिसर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम के पास में है वह इसको सुनिश्चित करें। मंदिरों में पुजारियों व आयोजक गणों का वाट्सएप ग्रुप बनाया जाए जिसमें उनके द्वारा समस्याओं को भेजा जाए ताकि तत्काल प्रभाव उसका निस्तारण किया जाए।