13th October 2024

टेक्नोलॉजीदेश

अगर आप भी अपने बच्चों को देते हैं मोबाइल तो जरूर पढ़ें यह खबर : WHO ने दी परिजनों को चेतावनी

नोएडा : दुनिया में टेक्नोलॉजी (Technology)का भूत इस कदर चल गया है कि लोग अपने छोटे से छोटे काम को टेक्नोलॉजी के सहारे करते हैं और बिना उसके जीवन व्यतीत करना इस दौर में कठिन सा हो गया। अगर मोबाइल फोन की बात की जाए तो लोग बिना फोन के 1 सेकंड नहीं रह पाते हैं। ऐसे में जब बच्चे रोते हैं या किसी चीज के लिए जिद करते हैं तो अक्सर मां-बाप पीछा छुड़ाने के लिए बच्चे को मोबाइल या कोई और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जमा देते हैं। यह आजकल काफी आम हो गया है इससे बच्चा शांत हो तो जाता है, लेकिन इससे उसे कई घंटों तक स्क्रीन के सामने बिताने की लत लग जाती है।

*मोबाइल न देने पर आत्महत्या तक कर चुके*

दुनिया भर में हुई तमाम रिसर्च बताती है कि कम उम्र में बच्चों को फोन थामाने से उनका मानसिक विकास प्रभावित होता है। इतना ही नहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल गैजेट और ज्यादा टीवी देखने कि लत बच्चों का भविष्य खराब कर रही है इससे उनमें वर्चुअल ऑटिज्म का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों के लिए यह इतना खतरनाक है कि जिले में ऐसे मामले भी देखे गए हैं जिसमें बच्चों ने फोन न मिलने पर आत्महत्या तक कर ली है।

*क्या है वर्चुअल ओटिज्म*

वर्चुअल ओटिज्म के लक्षण आमतौर पर 4 से 5 साल तक की उम्र के बच्चों में देखते हैं। ऐसा अक्सर उनके मोबाइल फोन टीवी और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट कि लत के कारण होता है। स्मार्टफोन का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग लैपटॉप और टीवी पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों को बोलने में दिक्कत और समाज में दूसरे लोगों के साथ बातचीत करने में परेशानी महसूस होने लगती है।

*फोन दो तभी खाना खाऊंगा*

टेक्नोलॉजी के इस दौर में में बच्चे हो या बड़े सभी फोन की लत से प्रभावित है। छोटे मासूम बच्चे भले ही फोन ना चलाएं लेकिन उनका रोना चुप कराने के लिए उनके परिवार वाले फोन पकड़वा देते हैं। फोन खिलौने की तौर पर बच्चे का मनोरंजन करता है जिससे देखते-देखते बच्चा उसका आदी हो जाता है।

*इतने बच्चे कर रहे मोबाइल का इस्तमाल*

एक सर्वे के मुताबिक पाया गया कि भारत में 10 से 14 वर्ष के 83% बच्चे स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं। 15 साल से ज्यादा उम्र के 88% बच्चे स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि इंटरनेशनल औसत की बात करें तो वो 76% है।

*WHO ने जारी रिपोर्ट में कही यह बड़ी बात*

विश्व स्वास्थ संगठन यानी (World Health Organization) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 5 साल से कम उम्र के बच्चों का स्क्रीन टाइम निर्धारित कर दिया है। अब तक लोगों का सिर्फ ये मानना था कि स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताने से आंखें खराब होती हैं। लेकिन, डब्ल्यूएचओ (WHO) की इस रिपोर्ट के मुताबिक, इसके परिणाम ज्यादा खतरनाक हैं। 5 साल से कम उम्र के बच्चों का निर्धारित समय से ज्यादा स्क्रीन टाइम उनके शारिरिक और मानसिक विकास पर सीधा असर डालता है। इस रिपोर्ट के जरिए WHO ने माता-पिता या अभिभावक को बच्चों को मोबाइल फोन, टीवी स्क्रीन, लैपटॉप और अन्य इलैक्ट्रोनिक उपकरणों से दूर रखने की चेतवानी दी है।

*कैसे रखे बच्चों को फोन से दूर*

अगर आपका बच्चा भी अक्सर मोबाइल से चिपका रहता है तो आपको सतर्क होने की आवश्यकता है। दरअसल मोबाइल का अधिक यूज आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार बच्चों के डिप्रेशन चिड़चिड़ापन और मानसिक तनाव का कारण मोबाइल फोन हो गया है।

1. कम उम्र में मोबाइल फोन ना दे
2. वाईफाई बंद रखें
3. अपने बच्चे को क्वालिटी फैमिली टाइम दे
4. स्क्रीन टाइम लिमिट रखें
5. मोबाइल पासवर्ड का प्रयोग करें
6. बच्चे को बाहर खेलने (outdoor sports) के लिए प्रोत्साहित करें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close