मुरादनगर नगरपालिका द्वारा एक तरफ चला प्रोग्राम, दूसरी तरफ कुछ सभासद रहे नाराज
रिपोर्ट: अबशार उलहक
1 दिसंबर 2023 नगरपालिका परिषद क्षेत्र के वार्ड न० 9 में जिला प्रशासन व नगरपालिका परिषद मुरादनगर द्वारा प्रोग्राम आयोजित किया जिसका नाम विकसित भारत संकल्प यात्रा रहा जोकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बैनर तले हुआ , मुरादनगर नगरपालिका ने ज़ोर शोर से प्रोग्राम आयोजन किया व अपने सभी सभासदो को प्रोग्राम में उपस्थित रहने का निमंत्रण नगरपालिका के अध्यक्ष के नाम से प्राप्त हुआ और फ़ोन के माध्यम से सभी सभासदो को आयोजन में रहने के लिए कहा गया। जिसमे ज़्यादातर सभासदो ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ में विश्वास दिखाते हुए उपस्थिति दर्ज कराई। पार्टीलाइन से ऊपर उठ कर ग़ैर भाजपाई व भाजपा के सभासदों ने सरकार की योजनाओ को जनता तक पहुंचाने की बात का जोरदार समर्थन किया। लेकिन वहाँ मौजूद कुछ सभासदो ने मंच से ही पूछ लिया की हम सरकार की तरफ़ से दी जानी वाली योजना को तभी जनता तक पहुंचा सकते हैं जब हमे योजनाओ से संबंधित अधिकारी या नगरपालिका से किसी ऐसी योजना के सम्बंध में पहले से बताया जाये या कोई गाइडलाइन जारी की जाये , तत्काल ऐसे कैम्प लगाकर अधिकारी गण व पालिकाकर्मी केवल पेपर व अखबारो में ही पूर्ण करके चले जाते हैं और जो सही में योजना का लाभार्थी हैं वो योजना से वंचित रह जाता है क्योंकि यदि योजना पूर्ण कार्य हो तो सरकार की नीति सही तरीक़े से जनता तक पहुंचाई जा सकती हैं। इस पर वहाँ बैठी आम जनता ने ताली बजाकर इस बात को सही ठहराया। इस मौके पर वहाँ बैठे कुछ अधिकारी गण आपस में बात करने लगे की क्या वाक़ई में नगरपालिका परिषद मुरादनगर के सभासदो को यहाँ के इंचार्ज व अध्यक्ष , पालिकाकर्मीयो ने अवगत नही कराया ? आपस में सवाल जवाब हुए तो मामला यह पाया की लास्ट छ: माह से कोई मीटिंग इन योजनाओं को या नगर के विकास कार्यों को लेकर नहीं हुई है। मामले को तूल पकड़ता देख अधिकारी प्रोग्राम बीच में छोड़ जाने लगे जब सभासदो ने कहा की साहब समाधान तो बताओ कैसे योजनाओ का लाभ आम जनता को दिलाये इस पर अधिकारी थोडा ग़ुस्सा दिखाते हुए बोले की जो जो सभासद सवाल जवाब कर रहा हैं उस पर कार्यवाही करो कह कर चल दिये। लेकिन निष्कर्ष यह रहा ना तो अधिकारी ग़लत क्योंकि वो तो नगरपालिका मे आते और ना ही वार्ड से चुने गये सभासद ग़लत क्योंकि उनको ही सीधे जनता के बीच जाना होता हैं जनता भी उन्हीं से उत्तर चाहती हैं तो आख़िर ग़लत कौन ?