25 दिन 119 बार कॉल 2 मोबाइल,आरोपी सोनम के कॉल डिटेल से खुला राज, ‘संजय वर्मा’ निकला प्रेमी राज कुशवाहा
Published by धर्मेंद्र शर्मा

शिलांग: पति राजा रघुवंशी की निर्मम हत्या की मुख्य आरोपी सोनम वर्मा की कॉल डिटेल रिपोर्ट सामने आने के बाद इस सनसनीखेज मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बुधवार को पुलिस और मीडिया के बीच दिनभर यह चर्चा का विषय बना रहा कि कॉल डिटेल में बार-बार जिस ‘संजय वर्मा’ नामक व्यक्ति को फोन किया गया है, वह कौन है। लेकिन शाम होते-होते शिलांग पुलिस ने सोनम से पूछताछ में यह रहस्य भी सुलझा लिया।
सोनम ने बताया कि ट्रू कॉलर पर जो ‘संजय वर्मा’ का नाम दिख रहा है, वह असल में उसके प्रेमी राज कुशवाहा का नंबर है। इस खुलासे ने जांच को एक नया मोड़ दे दिया है। सोनम दो मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रही थी और वह घंटों तक उसी नंबर पर बात करती रही।
हत्या की प्लानिंग में प्रेमी बना साजिशकर्ता
राज कुशवाहा, जो अब पुलिस की नजर में मुख्य साजिशकर्ता है, सोनम का प्रेमी है। दोनों के बीच लंबे समय से संबंध थे। कॉल डिटेल से खुलासा हुआ है कि 1 मार्च से लेकर 25 मार्च तक सोनम ने ‘संजय वर्मा’ नाम से सेव राज के नंबर पर 119 बार कॉल किए। इसके अतिरिक्त 1 मार्च से 8 अप्रैल तक उसने राज को कुल 234 बार कॉल किया। इन कॉल्स में से कई घंटों तक चली बातचीत से साफ जाहिर होता है कि हत्या की योजना पहले से ही बनाई जा रही थी।
शिलांग में रची गई हत्या की साजिश
गौरतलब है कि राजा रघुवंशी की हत्या 23 मई को शिलांग में उस समय की गई जब वह सोनम के साथ हनीमून यात्रा पर गया था। यह पूरी योजना सुनियोजित थी, जिसमें सोनम और राज मुख्य भूमिका में थे। हत्या को अंजाम देने के लिए तीन अन्य आरोपियों की भी मदद ली गई, जिनकी पहचान पुलिस द्वारा पहले ही की जा चुकी है।
संदिग्ध नंबर अब बंद, पुलिस की निगरानी तेज
जिस नंबर पर कॉल की गई थी, वह अब बंद पाया गया है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कहीं इस सिम का प्रयोग सोनम ने ही तो नहीं किया था, ताकि ट्रैकिंग से बचा जा सके। शुरू में पुलिस को भ्रम इस बात को लेकर था कि क्या ‘संजय वर्मा’ तीसरा कोई शख्स है, लेकिन अब स्पष्ट है कि यह नाम सिर्फ ट्रू कॉलर की पहचान में आया था, जबकि असल में यह नंबर राज कुशवाहा का है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
अब जब सोनम ने खुद यह पुष्टि कर दी है कि ‘संजय वर्मा’ नाम वाला नंबर उसके प्रेमी राज का है, तो पुलिस इस कॉल डिटेल और लोकेशन डेटा के आधार पर अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। कॉल की टाइमिंग, लोकेशन और बातचीत की अवधि को क्रॉस चेक किया जा रहा है।
पुलिस का मानना है कि इस डिजिटल साक्ष्य के माध्यम से हत्या की मंशा, पूर्व योजना और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका को अदालत में मजबूती से प्रस्तुत किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
राजा रघुवंशी की हत्या सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं बल्कि प्रेम और धोखे का क्रूर मेल है। सोनम और राज की मोबाइल बातचीत ने इस साजिश की परतें खोल दी हैं, और अब पुलिस हत्याकांड के सभी पहलुओं को उजागर करने के अंतिम दौर में है।