यूपी में वाहन खरीदना हुआ महंगा, रोड टैक्स में 1 फीसदी बढ़ोतरी
Published by धर्मेंद्र शर्मा

उत्तर प्रदेश में दोपहिया और चारपहिया वाहन खरीदना अब महंगा हो गया है। सरकार ने वाहन खरीद पर एक फीसदी रोड टैक्स बढ़ा दिया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब एक लाख रुपये कीमत वाले दोपहिया वाहन पर एक हजार रुपये और 10 लाख रुपये कीमत तक के चारपहिया वाहन पर 10 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करना होगा।
परिवहन निगम ने राजस्व बढ़ाने और कर ढांचे में बदलाव के लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4(1) के तहत नई अधिसूचना जारी करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूरी मिल गई। नई अधिसूचना के लागू होते ही 10 लाख से कम कीमत की गैर-वातानुकूलित गाड़ियों पर टैक्स सात से बढ़कर आठ फीसदी और वातानुकूलित गाड़ियों पर आठ से बढ़कर नौ फीसदी हो गया है। वहीं, 10 लाख से अधिक कीमत वाले चारपहिया वाहनों पर अब 10 के बजाय 11 फीसदी टैक्स देना होगा।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि निजी हल्के वाहनों पर करीब 10 साल बाद रोड टैक्स बढ़ाया गया है। महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में रोड टैक्स अब भी कम है।
40 हजार से ज्यादा कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर असर
नई व्यवस्था के तहत 40 हजार रुपये से कम कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर पहले की तरह सात फीसदी टैक्स लिया जाएगा, जबकि 40 हजार रुपये से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इससे मध्यमवर्गीय खरीदारों पर सीधा असर पड़ेगा।
भारी वाहनों को राहत
7.50 टन से अधिक भार वाले मालवाहक वाहनों को अब तिमाही टैक्स नहीं भरना होगा। खरीदते समय ही उन्हें एकमुश्त रोड टैक्स जमा करना होगा। हालांकि, इन वाहनों की टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे वाहन मालिकों को कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
415 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व
सरकार को इस बढ़ोतरी से करीब 412 से 415 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। विभाग इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जा रही छूट के कारण करीब 1,000 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना कर रहा है। ऐसे में रोड टैक्स में बढ़ोतरी से इस घाटे की भरपाई की जा सकेगी।
उत्तर प्रदेश में गाड़ियों का औसत
वर्तमान में प्रदेश में 4.82 करोड़ से अधिक वाहन पंजीकृत हैं और हर साल 30 से 32 लाख नए वाहन सड़कों पर उतरते हैं। चालान से विभाग को हर साल लगभग 165.74 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होता है।