मेरठ सौरभ मर्डर केस के बाद नया विवाद: DSP श्रेष्ठा ठाकुर और उनके पूर्व पति के बीच आरोप-प्रत्यारोप
Published by धर्मेंद्र शर्मा

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सौरभ मर्डर केस की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि अब एक और विवाद ने प्रदेश को सुर्खियों में ला दिया है। इस बार मामला जुड़ा है यूपी पुलिस की चर्चित अधिकारी और ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर DSP श्रेष्ठा ठाकुर और उनके पूर्व पति रोहित राज सिंह के बीच चल रहे कानूनी और निजी विवादों का। हाल ही में जेल से रिहा हुए रोहित राज सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर श्रेष्ठा ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए, जिससे मामला फिर तूल पकड़ गया है।
प्रेस कांफ्रेंस में रोहित राज सिंह ने आरोप लगाया कि शादी के बाद श्रेष्ठा ठाकुर उन्हें घरजमाई बनाने का दबाव डाल रही थीं। उनके मना करने पर, श्रेष्ठा ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा दिया। रोहित ने दावा किया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उनकी जान को भी खतरा है। मेरठ की हालिया घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनके साथ भी किसी अप्रिय घटना की आशंका बनी हुई है।
रोहित ने बताया कि विवाद के चलते उनका रांची में संचालित स्कूल और कोचिंग संस्थान भी बर्बाद हो गया। 10 अगस्त 2024 को जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने गाजियाबाद कोर्ट में 156(3) के तहत शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें श्रेष्ठा ठाकुर, उनके भाई और अन्य पुलिस अधिकारियों पर षड्यंत्र रचने और झूठा केस दर्ज कराने के आरोप लगाए गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर DSP श्रेष्ठा ठाकुर की ओर से भी कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। श्रेष्ठा ने रोहित पर फर्जी पहचान के साथ शादी करने और उनके नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया है। श्रेष्ठा के अनुसार, रोहित ने खुद को IRS अधिकारी बताकर 2017 में शादी की थी, लेकिन बाद में पता चला कि वह किसी राजस्व सेवा में नहीं हैं। इसके चलते दोनों के बीच संबंधों में दरार आई और 2019 में तलाक हो गया।
इस नए विवाद ने प्रदेश में कानून व्यवस्था और पुलिस अधिकारियों की व्यक्तिगत छवि को लेकर नई बहस छेड़ दी है। मामले की जांच और आगे की कानूनी प्रक्रिया पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।
श्रेष्ठा ने आरोप लगाया कि तलाक के बाद भी रोहित ने उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल जारी रखा। वह उनके तैनाती वाले जिलों में जाकर लोगों से पैसे वसूलता रहा। इस वजह से उन्होंने गाजियाबाद के कौशांबी थाना में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने फरवरी 2024 में रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
सोशल मीडिया से शुरू हुई कहानी कोर्ट तक पहुंची
रोहित राज के मुताबिक, उनकी और श्रेष्ठा की मुलाकात एक दोस्त के माध्यम से सोशल मीडिया पर हुई थी। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग गहराया और उन्होंने नौ अगस्त 2017 को लखनऊ के हजरतगंज हनुमान मंदिर में गुपचुप शादी कर ली। बाद में परिवार की सहमति से 16 जुलाई 2018 को पटना में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह हुआ। शादी के कुछ महीने बाद ही विवादों की शुरुआत हो गई और मामला कोर्ट-कचहरी, FIR और जेल तक पहुंच गया।
फिलहाल क्या है स्थिति?
इस वक्त रोहित राज जेल से बाहर हैं और अपने मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं श्रेष्ठा ठाकुर की ओर से भी अपराध और ठगी के आरोपों की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।