नोएडा :साइबर सुरक्षा व महिला सशक्तिकरण पर जागरूकता अभियान जारी – डीसीपी प्रीति यादव
रिपोर्ट: धर्मेंद्र शर्मा

नोएडा (धर्मेंद्र शर्मा)— पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की पुलिस कमिश्नर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में चल रहे 30 दिवसीय साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के छठे दिन थाना फेस-2 क्षेत्र के मंगोलिया ग्रुप में साइबर सुरक्षा व महिला सशक्तिकरण पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर डीसीपी साइबर क्राइम श्रीमती प्रीति यादव ने प्रबंधन स्टाफ और कर्मचारियों को साइबर अपराध से बचाव और महिला सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जागरूक किया।
साइबर सुरक्षा पर जोर
कार्यक्रम में डीसीपी साइबर क्राइम ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और आपातकालीन सेवा 112 के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट जैसे प्लेटफार्मों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को आगाह किया कि अनजान कॉल की पुष्टि किए बिना फोन न उठाएं और किसी भी व्यक्ति के साथ निजी जानकारी साझा करने से बचें।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी अक्सर महिलाओं की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय तुरंत स्थानीय पुलिस या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। साथ ही, संदिग्ध फ्रॉड नंबरों को संचार साथी पोर्टल पर ब्लॉक करने की सलाह दी गई।
महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण अभियान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। डीसीपी प्रीति यादव ने कहा कि महिलाओं को किसी भी अपराध को चुपचाप सहने की बजाय आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर क्राइम की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करना आसान और प्रभावी तरीका है।
स्थानीय पुलिस की भूमिका
कार्यक्रम में थाना प्रभारी फेस-2 व अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने साइबर अपराध और महिला सुरक्षा के संबंध में पुलिस की भूमिका पर चर्चा की। स्थानीय पुलिस द्वारा आम जनता को साइबर अपराध से बचाव के लिए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आश्वासन दिया गया।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
डीसीपी प्रीति यादव ने कहा कि साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। उन्होंने प्रबंधन स्टाफ और कर्मचारियों से अपील की कि वे साइबर सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।
यह कार्यक्रम साइबर अपराधों पर प्रभावी रोकथाम और जागरूकता बढ़ाने के अभियान का हिस्सा है, जो 30 दिनों तक विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा।