महाकुंभ: सवा करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी, जयकारों से गूंजा संगम
ब्यूरो रिपोर्ट
प्रयागराज :पौष पूर्णिमा स्नान स्नान पर्व के साथ संगम पर डुबकी के लिए कड़ाके की ठंड में कोई छिवकी रेलवे स्टेशन से आठ किमी पैदल दूरी तय कर आया तो कोई फाफामऊ स्थित आजाद सेतु से पैदल लपकते हुए परिवारीजनों, बच्चों को गमछे में जोड़कर खींचते हुए बढ़ता नजर आया। कुछ लोग भटकने से बचने के लिए अपने समूह के साथ अपना अलग झंडा-डंडा भी लेकर चल रहे थे। मध्यप्रदेश के सागर से आईं शिक्षिका ममता भट्ट को पैदल आठ किमी से अधिक दूरी तय करनी पड़ी।
पैदल पथों पर बैरिकेडिंग कर आस्था के फेरे बढ़ाए जाने से श्रद्धालुओं की बढ़ी परेशानी
महाकुंभ के प्रथम दिन संगम जाने वाली सड़कोें पर आस्था के फेरे बढ़ाए जाने से श्रद्धालुओं को जबरदस्त दिक्कतों का सामना करना पड़ा। काली मार्ग पर बांध पर चढ़ने पर सीधे संगम मार्ग पर उतरने का रास्ता पुलिस ने पूरी तरह बंद कर दिया था। इससे बांध पर बेतहाशा भीड़ धक्के खाती रही। यह सब तब हो रहा था, जब वहां पुलिस के कुछ आला अफसरों की भी वहां मौजूदगी थी। बांध से सौ मीटर दूर तक फेरा घुमाए जाने के बाद ही लोगों को काली, त्रिवेणी पुल या फिर संगम लोवर मार्ग पर जाने का रास्ता मिल पा रहा था।
गुजरात के जूनागढ़ से आए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वरक गर्गाचार्य महेंद्रानंद गिरि अपनी शिष्याओं और शिष्यों के साथ सोमवार की दोपहर कार से संगम नहीं जडा सके। बांध के पास जाने पर पुलिस ने उनकी दोेे इनोवा कारों को रोक लिया। काफी किचकिच के बाद भी पुलिस ने उनकी कारें आगे नहीं बढ़नें दीं। अंतत: उन्हें लौटना पड़ा।