किसानों ने सोमवार को महामाया फ्लाईओवर के पास जुटकर दिल्ली कूच किया।जिसके चलते महाजाम की स्थिति देखी गई
Published by धर्मेंद्र शर्मा
नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण से अपनी मांगें पूरी करने के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने सोमवार को महामाया फ्लाईओवर के पास जुटकर दिल्ली कूच किया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जुटे किसान पुलिस के रस्से और बैरिकेडिंग को पार करते हुए दलित प्रेरणा स्थल सेक्टर-95 में सेक्टर-18 के लिए चढ़ने वाले रैंप के पास तक पहुंच गए। फिर यहीं पर किसान सड़क पर बैठ गए। करीब एक घंटा प्राधिकरण व पुलिस अधिकारियों के साथ किसानों की वार्ता हुई।
किसान इस मांग पर अड़े रहे कि मांगे अभी मानी जाएं या उनको दिल्ली जाने दिया जाए। पुलिस-प्रशासन किसानों को वापस घर भेजने की कोशिश में था। आखिर में किसानों ने 7 दिन का समय दिया। तब तक किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर ही धरना देंगे। इस दौरान एक्सप्रेस-वे दोनों तरफ से बंद होने से ट्रैफिक शहर के अंदर के रास्तों पर डायवर्ट कर दिया गया। फिर एक्सप्रेस-वे पर नोएडा आने वाले वाहन कई किलोमीटर लंबी लाइन में नजर आए। शहर के अंदर के रास्तों पर वाहनों का दबाव दोनों तरफ से अचानक से बढ़ने पर व्यवस्था चरमरा गई। इस तरह एक्सप्रेस-वे से लेकर शहर के अंदर की सड़कों पर लोग घंटों जाम में फंसे रहे। शाम तक वाहन रेंगते नजर आए
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से दिल्ली कूच के लिए दोपहर 12 बजे से किसान संगठनों को महामाया फ्लाईओवर के पास जुटने के लिए कहा गया था। मोर्चे में शामिल 10 संगठनों के किसान यहां पर जुटे और नारेबाजी की और फिर दिल्ली कूच का फैसला लिया। फिर किसान सड़क पर ही बैठ गए। इसके बाद अचानक उठकर आगे बढ़े और बैरिकेडिंग गिराते हुए दलित प्रेरणा स्थल के सामने तक पहुंच गए। यहां पर पुलिस और प्राधिकरण के अधिकारी वार्ता के लिए पहुंचे।
मोर्चे में शामिल भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि मांगे पूरी करवाने के लिए अधिकारी 7 दिन में सचिव स्तर की वार्ता का प्रस्ताव लेकर शासन की तरफ से पहुंचे थे। वार्ता में किसानों ने अपना पक्ष स्पष्ट किया कि वार्ता होने और मांगे पूरी होने तक वह वापस नहीं लौटेंगे। इसके बाद किसानों ने सड़क खाली कर दी और अंदर जाकर दलित प्रेरणा स्थल में बैठ गए हैं। सुखबीर खलीफा ने यह भी कहा कि मांगे पूरी न होने पर किसान फिर से दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेता अतुल यादव ने कहा कि किसान अब दिन रात दलित प्रेरणा स्थल में डेरा डाले रहेंगे।