श्री बड़ी रामलीला कमेटी द्वारा 93वे रामलीला महोत्सव मे चल रहे रामलीला मंचन के ग्यारहवे दिन कलाकारों ने सीता हरण, जटायु रावण युद्ध, बाली वध व श्री राम हनुमान मिलन की लीलाओं का भव्य मंचन किया। सीता हरण की लीला के मंचन को देख दर्शक विभोर हो उठे।
सोमवार रात को नगर की रावली रोड स्थित चुंगी नंबर तीन रामलीला ग्राउंड मे वृंदावन से आये कलाकारो ने सीता हरण, जटायु रावण युद्ध, बाली वध व श्री राम हनुमान मिलन की लीलाओं का भव्य मंचन किया गया। लीला में मंचन के दौरान मारीच सोने का हिरन बनकर पंचवटी के पास विचरण करने लगता है। सीता जी श्रीराम से हिरन का शिकार करने को कहती हैं। श्रीराम हिरन का पीछा कर उसे मार देते हैं। हिरन बना मारीच राम की आवाज में लक्ष्मण को आवाज लगाता है। सीता जी, राम को मुसीबत में फंसा जान कर लक्ष्मण को भेजती हैं। जाने से पहले लक्ष्मण कुटिया के चारों ओर रेखा बनाकर सीता जी को किसी भी हालत में रेखा पार न करने को कहते हैं। लक्ष्मण के जाते ही रावण साधु का रूप धारण कर सीता जी से भिक्षा मांगने आता है। सीता के रेखा से बाहर आते ही वह उन का हरण कर लेता है।रावण द्वारा सीता माता को चुराने के बाद खोज करते हुए श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ ऋष्यमूक पर्वत पहुंचे जहां अपने भाई बालि से तिरस्कृत होने के बाद सुग्रीव हनुमान जी एवं अन्य वानरों के साथ रह रहे थे।
दूर से देख कर सुग्रीव को लगा कि उन्हें मारने के लिए बालि ने तीर कमान से सुसज्जित दो राजकुमारों को भेजा है. उन्होंने पता लगाने के लिए हनुमान जी को भेजा तो वे विप्र रूप में पहुंचे. परिचय पूछकर वे अपने स्वामी को पहचान गए और उनके पैरों में गिर पड़े। श्रीराम की सुग्रीव से मित्रता होती है और सुग्रीव बाली की दुष्टता के बारे में बताता है। सुग्रीव और बाली का युद्ध होता हैं और भगवान राम बाली का वध कर देते हैं ।
इस दौरान रामलीला कमेटी के अंकुर मित्तल, नितिन गोयल, मोहित मुंडे, विपिन गर्ग, दीपक मित्तल, अंकित गर्ग, परमानंद गर्ग, रोहताश मित्तल, सतीश मित्तल, धर्मप्रकाश नेता, बुधगोपाल गोयल, अरविन्द भारतीय, मनोज सिंघल, अरविन्द सिंघल, रमेश त्यागी, देवेंद्र गुप्ता, नीरज जांगिड़, अजय गर्ग, राजेंद्र सक्सेना, सचिन गोयल, नवीन गर्ग, विश्रान्त कौशिक, प्रशांत खटीक, अमित तितोरिया, ललित गोयल आदि सैंकड़ो लोग मौजूद थे।