17दिन से हो रहीं थी तैयारियां, पांच दिन पहले आ गईं थी MP-राजस्थान से सैकड़ों बसें; सोता रहा प्रशासन
पुलिस प्रशासन ने ना इसकी गंभीरता समझी और ना ही इस दिशा में कोई बेहतर प्रबंध किया
बाबा के सत्संग की 17 दिनों से तैयारी चल रही थी। 2 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में 26 जून से ही मध्य प्रदेश राजस्थान और आसपास के राज्यों की तकरीबन 500 बसें पहले ही पहुंच चुकी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिकंदराराव से गुजरने वाली जीटी रोड पर जिस तरीके का मजमा लगना शुरू हुआ था उससे अंदाजा था कि यहां पर कार्यक्रम बहुत बड़ा होने वाला है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने ना इसकी गंभीरता समझी और ना ही इस दिशा में कोई बेहतर प्रबंध किया। घटनास्थल पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने सरकार और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सिकंदराराव के रहने वाले ओमवीर सिंह कहते हैं कि जब उनके शहर में पहले से ही इतनी बड़ी तैयारी के साथ कार्यक्रम आयोजन की भूमिका बनाई जा रही थी। तो प्रशासन को इस बात का अंदाजा क्यों नहीं हुआ कि कहीं कोई बड़ी दुर्घटना ना हो जाए। वह कहते हैं कि घटनास्थल से 3 किलोमीटर पहले ही उनका घर है। उनके घर के पास 27 जून से ही अलग-अलग राज्यों से बसों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। वह कहते हैं कि उनको अशोक बसों की गिनती का तो अंदाजा नहीं है लेकिन चार से पांच सौ बसें तो मध्य प्रदेश और राजस्थान के नंबरों की 27 जून से थी आ गई थी। जबकि उसके बाद भी सैकड़ो बसों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। उनका कहना है इसमें आने वाले ज्यादातर साधकों ने आसपास के इलाकों में ही टेंट में रहने का बंदोबस्त किया था। जबकि कुछ लोग बस के नीचे और आसपास के हिस्से में रह रहे थे। ओमवीर कहते हैं कि बीते 15 दिनों से यहां पर आयोजकों की ओर से टेंट और पंडाल लगाए जाने की भी तैयारी चल रही थी।