4th December 2024

उत्तर प्रदेश

ट्रॉमा सेंटर में नहीं थी ऑक्सीजन, न बिजली और न स्टाफ, घायलों को नहीं मिला उपचार

साकार विश्वहरि सत्संग हादसे के बाद घायलों को सिकंदराराऊ के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, वहां पर न तो आक्सीजन थी और न डॉक्टर। करीब दो घंटे तक चिकित्सीय स्टॉफ मौके पर नहीं पहुंच सका।

हाथरस: हादसे के लिए सिकंदराराऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर तैयार नहीं था। यहां न बिजली थी और न चिकित्सक व स्टाफ। ऑक्सीजन तक नहीं थी। कराहते हुए घायल पहुंचते रहे और उपचार न मिलने से दम तोड़ते रहे।

टॉमा सेंटर पर करीब 2.45 बजे शवों और घायलों का पहुंचना शुरू हुआ। हालात ऐसे थे कि न मौके पर चिकित्सक थे और न ही पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद था। बिजली तक नहीं थी। बदहवास हालत में पहुंचे घायलों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन वह भी नहीं मिली। बिजली न होने के कारण कमरों में पंखे बंद पड़े थे। कमरों में अंधेरा छाया था। एंबुलेंस से आए घायलों को ऑक्सीजन के लिए सत्संग स्थल से साथ में आए परिजन व अन्य लोग अंदर कक्षों तक लेकर पहुंचे, लेकिन यहां तत्काल उपचार नहीं मिलने के कारण कई घायलों ने दम तोड़ दिया।

 

जेनरेटर में नहीं था तेल
टॉमा सेंटर और सीएचसी पर जेनरेटर है, लेकिन जब उसे चलाने की बात आई तो पता चला कि उसमें तेल ही नहीं है। देर शाम तक स्वास्थ्य विभाग व प्रशसनिक अमला जेनरेटर के लिए तेल तक इंतजाम नहीं कर सका और पूरे परिसर में अंधेरा छाया रहा।

ऑक्सीजन नहीं मिली, मेरी भांजी की चली गई जान
बदायूं जिले के बिल्सी निवासी राकेश ने बताया कि मेरी भांजी अंजली ने मुझसे अभी करीब एक घंटे पहले ही तो बात की थी। कह रही थी कि मामा मैं अस्पताल तक आ गई हूं, लेकिन मैं जैसे ही यहां पहुंचा तो उसका शव मुझे ट्रॉमा सेंटर पर ही पड़ा मिला। मेरी भांजी को ऑक्सीजन तक नहीं मिल सकी, इसलिए इसकी जान चली गई। राकेश ने अंजली के परिजनों को बिल्सी में सूचना दी। बिल्सी से अंजली की मां व अन्य परिजन अस्पताल परिसर में पहुंच गए और शव को देखते ही फूट-फूटकर रोने लगे।

 

डीएम तो पहुंच गए, लेकिन हाथरस से चिकित्सक नहीं पहुंचे
डीएम आशीष कुमार मौके पर पहुंच गए लेकिन हाथरस से चिकित्सक और स्टॉफ मौके पर नहीं पहुंचा। डीएम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी तो उन्होंने नाराजगी जताई। सीएमओ से बात की तो उन्होंने बताया कि चिकित्सक निकल चुके हैं। करीब दो घंटे तक चिकित्सीय स्टॉफ मौके पर नहीं पहुंच सका। आलम यह रहा कि घायलों को उपचार के लिए रेफर करना शुरू कर दिया गया।

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