4th January 2025

सेंट्रल नोएडा के फेज 3 थाना प्रभारी ध्रुव भूषण दुबे व टीम के द्वारा 25 हजार के ईनामी अन्तर्राजीय चोर/बदमाश को भागते हुए ठोका बदमाश पर सैकड़ों मुकदमे दर्जनए साल के जश्न पर शराब परोसने की पूरी तैयारी हो चुकी है। आबकारी विभाग के अनुसार दो-तीन दिनों के दौरान करीब 30 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री होगी।अमेठी: साथ रहने का दबाव बनाने पर सिपाही ने की थी महिला व्यवसायी की हत्या, पति से विवाद के बाद आने लगा था घरफेस 3 थाना प्रभारी ध्रुव भूषण दुबे ने चैकिंग के दौरान बदमाश को रुकने का इशारा किया नहीं रुकने पर बदमाश को मुठभेड़ में कर दिया पंचरफर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश: साइन डॉट कॉम से डाटा खरीद कर अपार नौकरी देने वाले फर्जी गैंग का खुलासा थाना सेक्टर 63 पुलिस ने 3अभियुक्तों को गिरफ्तार कर किया
उत्तर प्रदेश

गौतमबुद्ध नगर में तहसीलों का हाल बुरा, बिना रिश्वत के नही होता कोई भी काम

रिपोर्ट: चमन सिंह

नोएडा(चमन सिंह ): गौतमबुद्ध नगर में आने वाली 3 तहसीलों में आए दिन लोग अपनी समस्याओं को लेकर चक्कर काटते रहते है दादरी, सदर तहसील,जेवर तहसीलों में बैठे पटवारी, तहसीलदार, और तहसीलों में घूमने वाले दलाल किसी भी काम को करने के लिए मोटी रिश्वत की मांग करते हैं ना देने पर ये काम नहीं होने देते, किसी भी संपत्ति के कागज देखने होते हैं तो फाइल रूम में भी रिश्वत दो तभी फाइल निकलेगी उसके बाद किसी को अपनी खतौनी में नाम चडवाने हो तो उसके लिए आपको आवेदन करना होता हैं उसके बाद पटवारी से मिलना होता है पटवारी से मिलने के बाद होता है रिश्वत का खेल शुरू अगर संपति आपकी थोड़ी एरिया में बड़ी है तो उसके हिसाब से पटवारी मुंह खोलते है और उसमे तहसीलदार का हिस्सा भी अलग से बता देते हैं ये मामला किसी और के साथ नही स्वं मेरे साथ हुआ है म्यूटेशन करने के लिए पटवारी और तहसीलदार मोटी रकम के लिए मुंह खोलते है जिसकी दादालाई जमीन हो तो वो कहा से इनके पेट भरने के लिए लाखो, करोड़ों रुपए लेकर आए, कुछ मामले 2015 का सामने आए मामले कोर्ट में गया, जिला अधिकारी महोदय के यहां से हुआ पास आदेश म्यूटेशन में नाम चढ़ाने के लिए लेकिन पटवारी और अधिकारियों द्वारा नाम चढ़ाने को लेकर मोटी रिश्वत मांगी गई मामला सदर तहसील का है रिश्वत ना मिल पाने के कारण दे दी पटवारी और अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश को चुनौती नही चढ़ा कोई भी नाम लटक गया रिश्वत का बीच में काम, हर तहसील के अलग अलग मामले है जोकि आए दिन दर दर की ठोकर खा कर रिश्वत देकर इनलोगो से काम कराना मजबूरी इसलिए हो जाती है क्योंकि अधिकारियों तक जाने के लिए ये लोग दे देते हैं नसीहत अगर जिला अधिकारी के यहां गए तो तुम्हारा काम कोई नही करा सकता, भ्रष्टाचार पर नही लग पाएगी रोक क्योंकि जिलाधिकारी कार्यालय के ओर विभागो में चलती है चैलेंज के साथ चुनौती

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