क्या फिर मुख्यमंत्री बनेंगे मामा, एमपी हारे तो क्या होगा शिवराज सिंह चौहान का भविष्य?
भाजपा के एक केंद्रीय नेता ने अमर उजाला से कहा कि मध्यप्रदेश में पार्टी की जीत तय है। लेकिन राज्य में सरकार की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी, यह जीते हुए विधायक और पार्टी का आलाकमान तय करेगा
अलग-अलग एग्जिट पोल के नतीजे मध्यप्रदेश को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा करने वाले हैं। कुछ एग्जिट पोल में भाजपा को मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप करते हुए दिखाया गया है, तो कुछ एग्जिट पोल में कांग्रेस सरकार बनाती हुई दिखाई पड़ रही है। वहीं, कुछ एग्जिट पोल ऐसे भी हैं, जो मध्यप्रदेश में दोनों पार्टियों के बीच अच्छी टक्कर होने की संभावना भी जता रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के नतीजे पर कोई साफ तस्वीर न सामने आने से दोनों ही पार्टियां और उनके समर्थक अपने अपने कयास लगा रहे हैं। इसी के साथ यह सवाल अहम् हो गया है कि शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? यदि भाजपा मध्यप्रदेश में शानदार जीत हासिल करती है, तो राज्य की कमान कौन संभालेगा? क्या शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मध्यप्रदेश की कमान संभालेंगे? या जिस तरह की बातें कही जा रही थीं, भाजपा आलाकमान मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करेगा और पार्टी की कमान नए हाथों में होगी। यह जानना भी महत्वपूर्ण होगा कि यदि भाजपा को चुनाव में हार मिलती है तो शिवराज सिंह चौहान का भविष्य क्या होगा?
भाजपा ने मध्यप्रदेश में अपने पूरे चुनावी अभियान में शिवराज सिंह चौहान को हाशिये पर रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री के कामों को मजबूत तरीके से नहीं उठाया। वे लगातार केंद्र सरकार के कार्यों का उल्लेख करते रहे। यहां तक कि शिवराज सिंह को टिकट मिलेगा या नहीं, इस बात पर अंतिम समय तक संशय बना रहा। चुनाव प्रचार की पूरी रणनीति भी अमित शाह और उनके भरोसेमंद लोगों के हाथों में रही। कई बार पूछे जाने पर भी पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर खुलासा नहीं किया।
ये इस बात के संकेत हैं कि पार्टी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर पार्टी की कमान नई पीढ़ी के हाथों में देने का मन बना चुकी है। कई अन्य राज्यों में भी पार्टी ने यही नीति अपनाई है। मध्यप्रदेश में भी वह भविष्य की राजनीति को देखते हुए नए नेतृत्व को उभारने की तैयारी कर चुकी है। चुनावी बेला में लाभ-हानि का गणित देखते हुए उसने नेतृत्व में परिवर्तन नहीं किया, लेकिन अब वह परिवर्तन करेगी। इस परिस्थिति में शिवराज सिंह चौहान को दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में अवसर मिलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है।