एक घटना ने नोएडा थाना सेक्टर 58 की पुलिस पर खड़े किए कई गंभीर सवाल। वकीलों के अथक प्रयासों के बाद हुआ मामला दर्ज
ब्यूरो रिपोर्ट
नोएडा : (चमन सिंह ): दिनांक 22 जून 2023 को नोएडा के सेक्टर 56 इलाके में चचेरे भाई-बहन, और चाचा-चाची ने अपने बड़े भाई की बेटी को जान से मारने की कोशिश की। एक मामूली कहा-सुनी जानलेवा हमले में बदल गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता पल्लवी, जो कि ट्यूशन पढ़ाती है। अपने स्टूडेंट को पढ़ा कर घर लौटी। उस समय पीड़िता के चचेरे भाई-बहन छत पर पानी की टंकी का काम करवा रहे थे। पीड़ित के भाई सिद्धार्थ ने छत के दरवाज़े पर ताला लगा दिया था। क्योंकि चचेरा भाई, मनीष राजपूत, छत पर दारु और अन्य नशे का सेवन करता है। और अपने दोस्तों को को भी उसी छत पर शराब पीने के लिए बुला लेता है। पीड़िता के चचेरे भाई मनीष और चचेरी बहन गरिमा ने बिना चाबी मांगे झगड़ा करने के इरादे से ताला तुड़वा दिया। ताला टूटने की आवाज़ सुनकर पीड़िता पल्लवी छत पर गई, तो गरिमा और मनीष ने बिना मतलब झगड़ा करने के लिए उसको घेर लिया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि वह आए दिन ऐसी हरकतें करता रहता है। उसने पल्लवी का छत पर जाने का रास्ता रोक लिया। गरिमा ने पीड़िता पल्लवी के हाथ पकड़ लिए, और जब पल्लवी ने विरोध किया तो चचेरा भाई मनीष बोला “गरिमा मार इसको, आज तो इसे जान से मार देते है, कुछ ही पल में मामूली कहा-सुनी, मार-पीट और यौन उत्पीड़न में बदल गई। एक भाई ने बिना कुछ सोचे समझे अपनी ही चचेरी बहन के ऊपर हाथ छोड़ दिया। और अपनी ही बहन को गलत गलत जगह अश्लील तरीके से कई बार जबरन छूने लगा। पीड़िता के बहुत विरोध करने के बाद भी, पीड़िता पल्लवी खुद को छुड़ा नहीं पाई क्योंकि गरिमा ने उसके हाथ पकड़े हुए थे। जब पल्लवी ने इस घटना को किसी तरह अपने फ़ोन से रिकॉर्ड करना चाहा, तो दोनों भाई-बहन ने फ़ोन भी छीन लिया, ताकि वो घटना का कोई भी वीडियो रिकॉर्ड ना कर पाए। पल्लवी अकेली थी, और इसका गलत फायदा उठाकर उसके ऊपर लगातार कई बार जानलेवा हमले किये गए, पीड़िता के अनुसार, मनीष ने अपनी ही चचेरी बहन के प्राइवेट पार्ट पर आगे व पीछे, कई बार हाथ लगाए। छत पर चल रही मार-पीट की आवाज़े सुनकर, आरोपी भाई-बहन की माँ सरोज भी मौके पर आ गई, और पल्लवी को बचाने की बजाय अपने सगे बेटे मनीष के कहने पर उल्टा उसको ही मारने लग गई। इसके बाद छत से तीनो आरोपी, पल्लवी का मोबाइल फ़ोन जबरन छीन कर प्रथम तल पर स्थित अपने घर में चले गए।
पल्लवी अपने मोबाइल फ़ोन को मांगने के लिए उनके पीछे-पीछे उनके घर में चली गई। वहां भी पल्लवी को मनीष ने यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया। और फिर लात और घूंसे मार कर, उसके बाल पकड़ कर ज़मीन पर घसीटा। जब वह बेहोश हो गई, तब उसे मृत समझकर बहुत गंभीर हालत में घर के दरवाज़े पर छोड़ दिया। आरोपी मनीष और गरिमा के पिता हरीश चंद्र इस घटना के दौरान घर में अपने कमरे में थे। उन्होंने अपने बेटे व बेटी को बिल्कुल भी रोकने का प्रयास नहीं किया। शोर शराबा सुनकर पल्लवी के परिवार के सदस्य उसको देखने आ गये। उसको बेहोश देख कर उन्होंने किसी तरह उसे होश में लाने का प्रयास किया। पल्लवी को होश आते ही परिजन उसे पुलिस स्टेशन सेक्टर 58 लेकर गए। और पल्लवी व पीड़ित परिवार ने पुलिस को पूरी आपबीती सुनाई। और साथ ही बताया कि उनके ऊपर किस कदर से जानलेवा हमला किया गया। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि पुलिस ने ऐसी घटना के बारे में सुनकर, जिसमें पल्लवी की जान भी जा सकती थी, उसमें FIR भी दर्ज नहीं की। उल्टा पीड़ित परिवार को ही क्रॉस एफ आई आर दर्ज करने की धमकी दी गई। उनको कहा गया कि जो पीड़िता के परिवार के लोग बीच-बचाव कराने आए थे, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज करना पड़ेगा। इस बात से पीड़ित परिवार काफी डर गया था। पीड़ित परिवार ने मजबूर होकर अनुभवी वकीलों (एडवोकेट गौरव सोनी तथा एडवोकेट मनवीर) से मिलकर 28 जून 2023 को पुलिस कमिशनर से न्याय की गुहार लगाई। तब जाकर चौकी इंचार्ज और SHO ने इस मामले में FIR दर्ज की। जोकि घटना के 5 दिन बाद हुई। घटना के बाद से आरोपी मनीष, गरिमा और उनके माँ-बाप फरार हैं। FIR दर्ज होने के बाद से पीड़ित परिवार को लगा कि पुलिस अब हमें इंसाफ दिलाने में हमारी मदद करेगी। लेकिन अभी तक पुलिस इस मामले में किसी भी आरोपी को पकड़ नहीं पाई है। हालांकि पुलिस ने पीड़ित परिजनों को आश्वासन देते हुए कहा है कि जल्द ही आरोपियों को हम गिरफ्तार करेंगे।