मेरठ में अभुक्त को एनडीपीएस एक्ट में फर्जी तरीके से फसाने और रिमांड मांगने पर कोर्ट के अपर न्यायधीश ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा अगर मामला फर्जी हुआ तो विवेचक और थाना प्रभारी पर हो सकती है कार्यवाही
अभियुक्त को अवैध तरीके से थाने में बिठाना विवेचक और थाना प्रभारी को पड़ सकता है भारी
मेरठ: मेरठ से बड़ी खबर सामने आ रही हैं की आहिल और सोहिल को 2 फरबरी को पैंठ बाजार से अनार की ठेली से उठा ले गए एसआई और अवैध तरीके से थाने में बिठाया और फिर एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर दिया इसके बाद फर्जी बरामदगी दिखा कर पुलिस ने वाई वाई के चक्कर में इनको फसा दिया। उसके बाद पीड़ित ने कोर्ट में बयान दिया की जो लोग ये काम करते हैं पुलिस ने उनको पैसा लेकर छोड़ दिया उनकी एवज में हमे फसा दिया जबकि हमारे पास से कोई भी किसी भी तरह का माल बरामद नही हुआ है हमारा अनार बेचने का काम है उसके बाद भी थाना प्रभारी वा चौकी प्रभारी ने एक ना सुनी और गांजा हाथ में थमा कर फोटो खिंचवा कर कोर्ट में रिमांड लेने के लिए आ गए इसके बाद अपर न्यायधीश एनडीपीएस एक्ट के माध्यम से आदेश मिला की दोनो अभियुक्तों की सीसीटीवी फुटेज , दोनो के फोन की लोकेशन, और प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार ब्रह्मपुरी क्षेत्र अधिकारी के फोन पर जो कॉल किया था उसका स्क्रीनशॉट कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश विवेचक और थाना प्रभारी को दिया। और कहा थाने के अंदर की सीसीटीवी फुटेज दी जाए अगर फुटेज के साथ कोई एडिटिंग और उस समय की वीडियो डिलीट करी या कोई बहाना बनाया की कैमरे चल नही रहे तो बक्सा नही जायेगा अभुक्त गरीब होने के कारण उसको सरकारी खर्चे पर वकील मोहिया कराया जाए