मुजफ्फरनगर में सिपाही का गोली लगा शव रेलवे ट्रैक पर मिला, ऑनलाइन गेमिंग में गंवाए थे लाखों रुपये
Published by प्रदीप मिश्रा

मुजफ्फरनगर में रविवार देर रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। खानपुर क्षेत्र के शेखपुर गढ़वा गांव निवासी सिपाही रुपेंद्र सिंह (33) का शव रेलवे ट्रैक के पास पड़ा मिला। सिपाही तीन वर्षों से मुजफ्फरनगर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव की सुरक्षा में तैनात था।
पुलिस के मुताबिक, रुपेंद्र का शव मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से सहारनपुर की ओर लगभग 300 मीटर आगे पाया गया। उसकी आंख के पास तीन गोलियां लगी थीं, जो सिर के आर-पार हो गई थीं। मौके से पुलिस ने ऑटोमेटिक मोड में लगी कारबाइन, एक खोखा, एक कारतूस और कारबाइन में चार जिंदा व एक मिस कारतूस बरामद किया है। रुपेंद्र का मोबाइल फोन भी बैग और जेब से बरामद हुआ है। हालांकि, दो कारतूसों का अभी भी पता नहीं चल सका है।
सोमवार सुबह जैसे ही घटना की सूचना मिली, रुपेंद्र के पिता, पत्नी कविता, दोनों बच्चे और अन्य रिश्तेदार सिविल लाइन थाने पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाया गया, जहां शाम करीब 4:40 बजे अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए। पति का शव देखते ही पत्नी कविता बेहोश हो गईं। मां इमरती देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल था। बाद में खानपुर थाना पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।
परिजनों ने बताया कि रुपेंद्र पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थे। वह ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे की लत में लाखों रुपये गंवा चुके थे। इसी कारण उन्होंने अपनी 84 लाख रुपये की जमीन बेच दी थी। हाल ही में बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर बची हुई दो बीघा जमीन का भी सौदा कर दिया था, जिसका दो दिन बाद बैनामा होना था।
रुपेंद्र के पिता ने बताया कि परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं बचा है। एक साल पहले छोटे बेटे केशव की भी हादसे में मौत हो चुकी थी। पत्नी कविता ने पुलिस को बताया कि रुपेंद्र आर्थिक संकट और बदनामी के चलते कई बार जान देने की बात कर चुके थे।
पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कारबाइन को निवाड़ी लैब भेजा जाएगा और यह पता लगाया जाएगा कि गोली चलने की पूरी घटना कैसे घटी। पुलिस यह भी जांच रही है कि रुपेंद्र रेलवे ट्रैक तक कैसे पहुंचा।