
ईद-उल-फितर, जिसे आमतौर पर “ईद” के नाम से जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो रमजान के पवित्र महीने के समापन का प्रतीक है। यह खुशी, प्रेम और भाईचारे का अवसर होता है, जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए, गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे में जमाते इस्लामी हिंद ने हाल ही में एक ईद मिलन समारोह का आयोजन किया, जो न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक सौहार्द और आपसी समझ को बढ़ावा देने का एक शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत किया गया। यह समारोह मुरादनगर रावली रोड स्थित रिम्स हॉस्पिटल में आयोजित किया गया, जहां हिंदू, मुस्लिम के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान मुख्य अतिथि मुहम्मद अहमद सेक्रेटरी जमात ए इस्लामी हिंद ने कहा कि ईद मिलन समारोह का मुख्य उद्देश्य लोगों को एक मंच पर लाना और आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। इस अवसर पर, उपस्थित लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इसके अलावा, कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में एकता, शांति और सामाजिक सद्भाव के महत्व पर जोर दिया। जमाते इस्लामी हिंद के नेताओं ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ईद का असली संदेश प्रेम, दया और सभी के साथ मिलकर खुशियां बांटना है।
वही अमरीश गोयल ने कहा कि इस समारोह में गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक स्पष्ट रूप से देखने को मिली, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। यह आयोजन केवल एक उत्सव ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश का माध्यम भी बना, जिसमें लोगों से अपील की गई कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना को अपनाएं।
इस दौरान बुद्ध प्रकाश, रोहित, अशोक, डॉ राशिद, डॉ मुशर्रफ बेग, डॉ शहजाद गुलशन, डॉ रफीक, डॉ शकील, डॉ महताब, सिद्दीक खान, शेरदीन मलिक, असलम परवेज, डॉ सैय्यद शुमाएला, रशीद, डॉ फहीम सैफी व डॉ मुजीब सैफी आदि मौजूद रहे।