सिद्धार्थ विहार-एनएच 9 लिंक रोड सालभर में ही जर्जर, 11 करोड़ की लागत पर उठे सवाल
रिपोर्ट राहिल

साहिबाबाद। सिद्धार्थ विहार को एनएच 9 से जोड़ने वाली 2.5 किलोमीटर की सड़क महज 12 महीने में ही खराब हो गई, जबकि इसके निर्माण पर 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस सड़क के लिए स्थानीय लोगों ने दस साल तक संघर्ष किया, धरना-प्रदर्शन किए, लेकिन जब यह बनी तो कुछ ही महीनों में इसकी हालत खराब होने लगी। अब हालात यह हैं कि हर 20 मीटर पर गड्ढे बन गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
लंबे संघर्ष के बाद बनी सड़क, फिर भी परेशानी बरकरार
एक साल पहले तक यह सड़क जर्जर अवस्था में थी। लगातार वाहन पलटने की घटनाएं हो रही थीं और लोग हादसों में घायल हो रहे थे। सड़क निर्माण के लिए सिद्धार्थ विहार के लोग कभी विधायक के पास तो कभी सांसद के पास चक्कर काट रहे थे। वर्षों तक आश्वासन मिलने के बाद आखिरकार सड़क बनी तो स्थानीय निवासियों को लगा कि उनकी परेशानी दूर हो जाएगी। लेकिन कुछ ही महीनों में यह सड़क फिर खराब होने लगी।
निर्माण के तुरंत बाद शुरू हुई खराबी
सड़क का निर्माण पूरा होते ही इसकी ऊपरी परत निकलनी शुरू हो गई थी। उस समय आवास विकास परिषद ने इसे ठीक कराया, लेकिन बीते साल बारिश के दौरान सड़क कई जगह से उखड़ गई। इसकी भी मरम्मत कराई गई, लेकिन दो महीने पहले फिर गड्ढे बनने लगे, जिन्हें भरवा दिया गया। इसके बावजूद सड़क की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
चार महीने में ही टूट गई काजमपुर रोड
यह केवल एक सड़क की समस्या नहीं है। इससे पहले काजमपुर रोड भी चार महीने में ही टूट गई थी, जबकि उसे हाल ही में बनाया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई है और गुणवत्ता से समझौता किया गया है।
जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के निवासियों ने इस मामले की जांच और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, तो सड़क को इतनी जल्दी खराब नहीं होना चाहिए था। प्रशासन को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।