23rd March 2025

उत्तर प्रदेश

दिल्ली पुलिस का जवान बना अभिनेत्री, गैंगस्टर को फंसाया; बड़ी रोचक है गिरफ्तारी की ये कहानी

ब्यूरो रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने मोस्ट वांटेड अंतरराज्यीय गैंगस्टर मनोज उर्फ अर्जुन को गिरफ्तार को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया था। दिल्ली पुलिस का एक जवान इंस्टाग्राम पर मुंबई की एक अभिनेत्री के रूप में खुद को पेश किया। इसके बाद दोषी जाल में फंस गया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। दीपक तितर नजदीकी आरोपी तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया हत्याकांड में शामिल था। वह दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के 8 जघन्य मामलों में पहले से शामिल और वांछित था और कई बर पैरोल जंप कर चुका है। इसके पास से दो अत्याधुनिक पिस्तौल और आठ कारतूस जब्त किए गए हैं।

अभिनेत्री बन जाल में फंसाया
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि दोषी मनोज उर्फ अर्जुन 2005 के नांगलोई थाने के एक सनसनीखेज अपहरण-सह-हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और पैरोल जंपर है। मनोज जितेंद्र उर्फ गगी गैंग का सदस्य रहा है और कुख्यात गैंगस्टर दीपक उर्फ तितर का करीबी सहयोगी है। वह वर्तमान में मकोका और तिहाड़ जेल परिसर में प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या सहित कई जघन्य मामलों में बंद है। एक खास रणनीति अपनाते हुए अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों ने भगोड़े गैंगस्टर को जाल में फंसाने के लिए मुंबई स्थित अभिनेत्री रूप में एक फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाई थी। महीनों की बातचीत के बाद आखिरकार आरोपी को दक्षिण दिल्ली इलाके सफदरजंग एन्क्लेव इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।

ऐसे अपराध की दुनिया में उतरा
मूलरूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का रहने वाला मनोज कुमार उर्फ अर्जुन का परिवार 1990 के दशक में दिल्ली आ गया और नांगलोई इलाके में रहने लगा। उसने अपने दोस्त चमनलाल के साथ नांगलोई में अपना कारोबार शुरू किया, जिसकी राहुल नाम के एक व्यक्ति से पुरानी दुश्मनी थी। 2005 में उन्होंने राहुल का अपहरण कर लिया और फिरौती न देने पर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में उसे दोषी ठहराया गया और 2013 में ट्रायल कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

तिहाड़ में हुई मुलाकात
तिहाड़ जेल में रहने के दौरान वह गोगी गिरोह के सक्रिय सदस्य विक्की रमजानपुर के संपर्क में आया। दोनों करीबी दोस्त बन गए। एक अन्य गैंगस्टर दीपक डबास उर्फ तितर भी जेल में उनसे मिलने आता था और गोगी गिरोह के मामलों की पैरवी करता था। 2014 में मनोज एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया, लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया और फरार हो गया। इसके बाद वह दीपक उर्फ तितर के जरिए गोगी गैंग में शामिल हो गया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close