
लखनऊ : प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने मंगलवार को निराश्रित गोवंश संरक्षण की समीक्षा बैठक के दौरान भूसा टेंडर प्रक्रिया में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि 30 अप्रैल तक भूसा और साइलेंज टेंडर की प्रक्रिया हर हाल में पूरी कर ली जाए। मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि चारा-भूसे के अभाव में गोवंश के भूखे या बीमार होने की सूचना मिलती है तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
धर्मपाल सिंह ने गोआश्रय स्थलों पर गर्मी के मद्देनजर गोवंश को धूप और लू से बचाने के लिए समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने शेड निर्माण, साफ पानी, बिजली, हरा चारा और पर्याप्त दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। भूसा भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था करने पर भी विशेष जोर दिया गया।
बैठक में मंत्री ने निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटनाओं से गोवंश और अन्य पशुओं की सुरक्षा हेतु प्रदेश के राजमार्गों के पास स्थित गांवों में पशुओं के गले में रेडियम पट्टी पहनाने के लिए 20 अप्रैल से 20 मई तक एक विशेष अभियान चलाया जाए।
उन्होंने गौ संरक्षण केंद्रों के लंबित निर्माण कार्यों और उपयोगिता प्रमाण पत्रों की देरी पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। अमेठी, आगरा, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, ललितपुर, सीतापुर, गोंडा, वाराणसी, चंदौली सहित कई जिलों के अधिकारियों को निर्माण कार्य समय से पूरा न करने पर फटकार लगाई। मंत्री ने निर्देश दिए कि गौशालाओं के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए और संचारी रोगों से बचाव के लिए ईयर टैगिंग, टीकाकरण और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ ही भूसा भंडारण के लिए दानदाताओं और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लेने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि सभी जिम्मेदार अधिकारी जमीनी स्तर पर काम करें ताकि गोवंश संरक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास रवीन्द्र नायक, विशेष सचिव देवेंद्र कुमार पांडेय, निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ. जयकेश कुमार पांडेय, निदेशक रोग नियंत्रण डॉ. योगेन्द्र सिंह पवार, अपर निदेशक डॉ. राजीव कुमार सक्सेना तथा सभी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मौजूद रहे।