सुसाइड नोट की आखिरी लाइन में अन्विता ने लिखा कि खाना बना दिया है गौरव कौशिक खा लेना।उनके बेटे गौरवित को अपने पास रखें।
रिपोर्ट राहिल कस्सार

गाजियाबाद: दिल्ली के दल्लुपुरा के सर्वोदय कन्या विद्यालय की शिक्षिका अन्विता शर्मा (29) ने 16 मार्च को आत्महत्या कर ली। उनका शव गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर एक स्थित ससुराल में फंदे से लटका मिला। पुलिस को अन्विता का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपने पति गौरव कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा, “इस आदमी ने मेरी नौकरी से शादी की थी, मुझसे नहीं।”
सुसाइड नोट में लिखी दर्दभरी बातें
अन्विता ने अपने पिता को एक संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि उनके बेटे गौरवित को अपने पास रखें और उसे उसके पिता की तरह मत बनने दें। सुसाइड नोट में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पति के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन ससुराल वालों ने हमेशा उन पर ही दोष लगाया।
उन्होंने आखिरी में लिखा, “गौरव… खाना बना दिया है, खा लेना।” उनके अनुसार, पति समाज में अच्छा बनने की कोशिश करता था, लेकिन घर में उन्हें ताने मारता था।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने अन्विता के पिता अनिल शर्मा की शिकायत के आधार पर पति गौरव कौशिक, ससुर सुरेंद्र शर्मा और सास मंजू शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोपी पति और ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि सास की तलाश जारी है।
दहेज उत्पीड़न के गंभीर आरोप
अन्विता के पिता ने बताया कि 18 दिसंबर 2019 को उनकी बेटी की शादी गौरव कौशिक से हुई थी, जो एक निजी अस्पताल में डॉक्टर हैं। शादी में 26 लाख रुपये खर्च करने के अलावा उन्होंने एक कार भी दी थी, लेकिन इसके बावजूद ससुराल वाले लगातार अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे।
परिवार ने आरोप लगाया कि अन्विता को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। यहां तक कि उसकी चेकबुक और डेबिट कार्ड भी ससुराल वालों ने अपने पास रखे थे।
पुलिस की जांच जारी
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया गया है और जल्द ही सास को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द से जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
समाज में जागरूकता की जरूरत
यह घटना फिर से दहेज प्रथा और घरेलू उत्पीड़न की भयावह सच्चाई को उजागर करती है। शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाओं को भी इस सामाजिक बुराई का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई और समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि कोई और महिला इस तरह की परिस्थिति में अपनी जान न गंवाए।