नोएडा पुलिस की साइबर जागरूकता पहल : साइबर अपराध में सतर्कता ही आपकी सुरक्षा है किसी के झांसे में ना आए शक होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करे।
रिपोर्ट धर्मेंद्र शर्मा

नोएडा : साइबर अपराधी किस तरह के होते है और किन किन लोगों को अपना शिकार कैसे बनाते है इसकी जांच करना या पुलिस की सहायता लेना पहली प्राथमिकता रखना आपको सुरक्षित और आपकी आर्थिक पूंजी को सुरक्षित रख सकता है जैसे सतीश (काल्पनिक नाम) एक 70 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी है जो अर्ध सरकारी कम्पनी में नौकरी कर चुके थे। वह गौतमबुद्धनगर, नोएडा में अपने परिवार के साथ रह रहे है, वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, जो हमेशा अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते आए हैं। सतीश कुमार की मुलाकात माह दिसंबर 2022 में नीतीश नामक व्यक्ति से एक वैवाहिक पार्टी में हुई जहां नीतीश ने अपना परिचय देते हुए खुद को एक अच्छे व्यवसायी के रूप में पेश किया था। फिर लंबे समय तक उन दोनों की कोई मुलाकात नहीं हो पायी और ना ही फोन से कोई बातचीत हुई। फिर दिसंबर 2024 में सतीश की जिंदगी में एक प्रत्याशित मोड़ आया जब उन्हे अचानक फेसबुक मैसेंजर ऐप पर नीतीश का मित्र अनुरोध प्राप्त हुआ। फ़ेसबुक पर बातचीत करते हुए उन्हें निवेश, शेयर बाजार और विदेशी मुद्रा बाजार में निवेश कर अच्छा लाभ कमाने का झांसा दिया गया व आकर्षक इन्वेस्टमेंट स्कीम में अधिक मुनाफा कमाने का वादा मजबूती से किया गया। सतीश के मन में भी जल्दी धनवान बनने के विचार आने लगे और सतीश ने एक टेलीग्राम चैनल जॉइन कर लिया जिस पर रोज़ाना निवेश के नए ऑफर और तरीके आते रहते थे। सतीश ने शुरू में हिचकिचाते हुए 10 हजार रुपये लगाए जिसपर उन्हें 30,000 रूपये का मुनाफा हुआ। योजना को सत्यापित करने के लिए उन्होने अपने ट्रेडिंग खाते से 5,000 रूपये निकालने का प्रयास किया जोकी एकदम से उनके खाते में आ गए। सतीश को योजना की प्रमाणिकता पर विश्वास हो चुका था। इस टेलीग्राम ग्रुप में सतीश जैसे 100 और सदस्य थे, जो अपने रोज़ का मुनाफ़ा स्क्रीनशॉट के माध्यम से सभी प्रतिभागियों को भेजते रहते थे। सतीश को लगा कि जैसे उनका जैकपॉट लग गया है, जितने रुपये उन्हें पूरी जिंदगी में नहीं कमाये थे उतने उतने वो रिटायर होकर कमा रहे थे। उनके द्वारा अलग-अलग दिनाँक को विभिन्न लेनदेन के माध्यम से करीब 1,80,00,000 रुपए धीरे-धीरे 01 से 02 माह में शेयर मार्केट में अधिक लाभ कमाने के लिए इंवेसमेंट कर दिए। इसी बीच पत्नी के इलाज के लिये सतीश को रूपयों की आवश्यकता पड़ी तो उन्होने अपने शेयर मार्केट के ऐप से कुछ धनराशि निकालनी चाही जिसपर इस बार ब्रोकर द्वारा अलग-अलग प्रकार की बहाने बाजी की जाने लगी। ट्रेंडिग ग्रुप एडमिन की तरफ से सतीश को बताया गया कि रकम बडी होने के कारण इसको निकालना संभव नही है और इस बार 10 लाख रूपये टैक्स भी लगेगा जो सतीश को भरना पडेगा। सतीश अपनी सारी निधि ट्रेडिंग में लगा चुके थे और टैक्स देने के लिए उन्होने अपने बेटे से ये रकम मांगी जिसपर उनके बेटे द्वारा उन्हे बताया गया कि वो साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके है। सतीश को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करे और क्या न करे। सतीश को भी डर लगने लगा की कही उसने अपने जीवन की बचत की धनराशि किन्ही गलत लोगों के कहने पर फ्रॉड शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट तो नहीं कर दी। लगातार संपर्क करने के प्रयास के बावजूद भी ब्रोकर द्वारा सही जबाव न देने के बाद अब उसे अपने शक पर यकीन होने लगा कि उनके साथ 01 करोड़ 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो चुकी है। जिसके बाद सतीश ने अपने बेटे की बात मानकर cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज की।*
*सर्तकता ही साइबर क्राइम से बचने का समाधान है।*
*1.सतीश की कहानी एक कड़ी चेतावनी है कि हमें किसी भी अनजान निवेश स्कीम पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति, खासकर ऑनलाइन संपर्कों के माध्यम से मिलने वाले का विश्वास करना जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे मामलों में सतर्क रहना और उचित जांच-पड़ताल करना हमेशा जरूरी होता है।*
*2.अनजान फेसबुक फ्रेंड की रिक्वेस्ट को जाँच कर ले कि किसी की फेक प्रोफइल तो नहीं बनाई गई है और सतर्क रहे।*
*3.अनजान ग्रुप से नहीं जुड़े, ग्रुप से जुडने के लिए उसकी प्रामाणिकता की जानकारी आवश्यक करें।*
*4.शेयर मार्केट मे इन्वेस्टमेंट के लिए अपने परिचितों से सलाह ले और सेबी से अधिकृत प्लेटफॉर्म पर ही इन्वेस्ट करें।*
*5.लालच मे नहीं आये, यदि कोई भी आप के रुपयों को एक से दो माह मे दो गुना से तीन गुना कर देगा बताता है, तो मुनाफे के लालच मे नहीं आये।*
*6.ऐसे टेलीग्राम ट्रेडिंग ग्रुप में सभी वर्चुअल मेंबर्स होते है तथा वह कुछ लोगो को फंसाने के लिये ही जोडे जाते है। किसी भी वर्चुअल ट्रेडिंग सलाह पर आख बंद करके विश्वास न करें।