26th January 2025

उत्तर प्रदेश

पीएनबी मैट लाईफ की बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने का झाँसा देकर करदी लाखो की ठगी, पुलिस ने किया 3 अभियुक्त और 1 अभियुक्ता को गिरफ्तार, सामान भी बरामद

रिपोर्ट : प्रदीप कुमार

नोएडा ( प्रदीप कुमार ): थाना सैक्टर 24 पुलिस व साईबर सैल टीम नोएडा जोन की संयुक्त टीम के द्वारा दिनांक 17/12/2024 को एफ-58 सैक्टर 11 नोएडा से पीएनबी मैट लाईफ बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने का झाँसा देकर लोगो के साथ फर्जीवाडा कर पैसे ट्रांसफर करा लेने वाले कुल 04 अभियुक्त 1. पंकज कुमार सिंह पुत्र दीपक सिंह 2. कुशाग्रा पाण्डेय पुत्री कमलेश कुमार पाण्डेय 3. राजपाल सिंह पुत्र रुप सिंह 4. राहुल यादव पुत्र लक्ष्मी यादव को गिरफ्तार किया गया है।

*अपराध करने का तरीका*
अभियुक्तगण द्वारा लोगो की पीएनबी मैट लाईफ की बीमा पॉलिसियो की सम्पूर्ण जानकारी के कागजात प्राप्त कर बीमा पॉलिसी को रिन्यू कराने के लिये कॉल किया जाता है तथा कॉल पर पॉलिसी धारको को डिस्काउन्ट का लालच देकर बरगलाते थे तथा अलग अलग लुभावने पैकेजो की स्कीम बताकर लालच देते थे। उसके उपरान्त भी यदि पॉलिसी धारक झाँसे में नही आते थे तो रिकवरी के नाम पर डराते धमकाते थे । जिससे पॉलिसी धारक अभियुक्तगण के झाँसे में आकर अपने पैसे इनके द्वारा खुलवाये गये खातो में ट्रांसफर कर देते थे तथा जब पॉलिसी धारक पोलिसी कम्पनी में जानकारी करते थे तब उन्हे ज्ञात होता था कि उनकी पॉलिसी का कोई रिन्यूअल नही किया गया है और इस प्रकार के अपराध को कारित करने के लिये अभियुक्तगण द्वारा दूर-दराज के क्षेत्र महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडू आदि राज्यो के लोगो के साथ कॉल कर उन्हे झाँसे में लेकर पैसा अपने खुलवाये गये खातो में ट्रांसफर कराते थे और इस कार्य को करने के लिये अलग अलग जगहो पर किराये पर स्पेस लेकर फर्जी कॉल सेन्टर का गिरोह चलाया जाता है।

*पूछताछ का विवरण*
अभियुक्तगण से पूछताछ की गई तो बताया कि साहब हम लोग, अधिकृत कॉल सेन्टर वाले बनकर लोगो का निजी डाटा एकत्र करते थे और उसके बाद बीमा लोकपाल वाले बनकर कॉल करते थे। चूंकि हम पूर्व में भी कई बीमा सम्बन्धी कम्पनियो व कोटेक महेन्द्रा बैंक में काम कर चुके है जिससे हमें बीमा पॉलिसी के बारे में अच्छी जानकारी थी तथा लोगो का निजी डाटा भी हमारे पास था जिससे हम लोग, लोगो की बीमा पॉलिसी के बन्द होने, रिन्यू कराने व अच्छा खासा रिफण्ड दिलाने के नाम पर प्रार्थना पत्र लेते थे तथा सरकारी खर्च के नाम पर उन लोगो से पैसे ट्रांसफर करा लेते थे।

 

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