गाजियाबाद। बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी बलोच मंगलवार को दूधेश्वरनाथ मंदिर पहुंची। वहां पहुंच कर उन्होंने सबसे पहले आजाद बलूचिस्तान की कामना करते हुए भगवान दूधेश्वर की पूजा की। नायला कादरी महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी और डॉ. उदिता त्यागी के साथ मंदिर पहुंचीं, जहां उनका स्वागत महंत नारायण गिरि, महंत गिरिशानंद गिरि, स्वामी रमेशानंद गिरि और अन्य संतों ने किया। इस दौरान नायला कादरी ने कहा कि सनातन धर्म के मंदिर और उपासना स्थल संपूर्ण मानवता के लिये प्रेम और सम्मान से भरे हैं। पता नहीं वो कौन लोग हैं जो मंदिरों को तोड़ने की इजाजत देते हैं। मंदिरों को तोड़ने वाले कोई राजा- महाराजा या सुल्तान नहीं थे बल्कि चोर और डाकू थे। यदि उन डाकुओं की औलादें कहीं हैं या कोई खुद को उनकी औलाद मानता है तो उसे अपने पुरखों के कारनामों पर शर्मिंदा होना चाहिये और माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो हमारे साथ हो रहा है, उससे सारे विश्व को सबक लेना चाहिये। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में सहयोग करने की अपील की। वहीं, महंत नारायण गिरि ने कहा कि हम सभी बलोच के साथ हैं और उनका समर्थन करते हैं। इस दौरान सरदार रविरंजन सिंह, कैप्टन शशिभूषण त्यागी, अंकित वर्मा, अंकुर जावला मौजूद रहे।